इतिहास बन जाएगी मारुति 800

हैदराबाद। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के शुरुआती दिनों में जबरदस्त लोकप्रिय रही कार मारुति 800 अब बीते जमाने की बात हो जाएगी। कंपनी ने इस मॉडल का उत्पादन बंद कर दिया है।

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मारुति 800 ने लाखों मध्यमवर्गीय परिवारों का कार की सवारी करने का सपना पूरा किया है। मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर की पहली कार मारुति 800 ही थी। हरियाणा के गुडगांव स्थित मारुति के कारखाने से पहली मारुति 800 कार 14 दिसंबर 1983 को बाहर आई। मारुति सुजूकी लिमिटेड का नाम तब मारुति उद्योग लिमिटेड था। सन् 1983 मारुति 800 पहली कार के मालिक दिल्ली के हरपाल सिंह और गुलशनबीर कौर थे। पहली कार की चाबियां उन्हें इंदिरा गांधी ने सौंपी थीं।

मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी निदेशक सीवी रमन ने कहा, यद्यपि कार का उत्पादन बंद कर दिया गया है, इसके कल-पुर्जे अगले 8-10 साल तक ग्राहकों के लिए उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि 18 जनवरी को हमने मारुति 800 का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया। उल्लेखनीय है कि कंपनी ने अप्रैल, 2010 से ही हैदराबाद, बेंगलुरु, कानपुर, पुणे सहित 13 शहरों में मारुति 800 की बिक्री बंद कर रखी है।

कंपनी ने 80 के दशक की शुरुआत में मारुति 800 को करीब 50000 रुपए की कीमत में पेश किया था जो अब 2.35 लाख रुपए से अधिक की कीमत में उपलब्ध है। रमन ने कहा, डीलर स्तर पर मारुति 800 की कुछ कारें हो सकती हैं, लेकिन मुझे वास्तविक संख्या नहीं मालूम।

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70 के दशक में ‘पीपुल्स कार’ का सपना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने देखा था। इस कार की डिजाइन और उत्पादन के लिए विशेष अनुबंध हुआ, लेकिन दुर्भाग्य से प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ा। 1980 में संजय गांधी की असामायिक मृत्यु के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने बेटे के इस सपने को पूरा किया। मारुति उद्योग लिमिटेड की स्‍थापना फरवरी 1981 में हुई।

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वर्ष 1983 में इसकी कीमत थी 52500 रुपए। बेहद कम दाम होने से यह कार उन लोगों की पहली पसंद बनी जो बरसों तक कार इसलिए नहीं खरीद पा रहे थे कि कार केवल ऊंचे लोगों के लिए बनी है। दिसंबर 1983 से अब तक यह कार 27 लाख से ज्‍यादा बिक चुकी है। (भाषा/एजेंसियां)

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