बाघ के प्यार की दुर्लभ कहानी

गुरुवार, 2 जून 2011 (13:19 IST)
BBC
राजस्थान के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में एक बाघ अपने पितृक प्रेम का एक दुर्लभ प्रदर्शन कर रहा है। वन अधिकारियों के अनुसार ये बाघ एक मृत बाघिन के दो शावकों की देखभाल कर रहा है। आमतौर से ऐसा बहुत ही कम होता है।

इन शावकों की मां फरवरी में मर गई थी। अधिकारियों को यकीन है कि टी25 नाम का ये बाघ इन शावकों का पिता है। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार शावकों को हमेशा ही उनकी मां पालती है और अगर कभी ये शावक नर बाघों के सामने पड़ जाएं तो वो इन्हें अकसर मार देते हैं।

अधिकारियों के अनुसार किसी नर बाघ के ऐसे व्यवहार का कोई अन्य साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। बाघ के इस अनूठे व्यवहार का रिकॉर्ड रखने के लिए इसकी छिपकर तस्वीरें भी ली गई हैं।

देखभाल : रणथम्भौर के फील्ड निदेशक राजेश गुप्ता ने बीबीसी को बताया सबसे ताजा तस्वीरों में बाघ एक शावक से करीब मीटर भर पीछे चल रहा है। टाइगर रिजर्व के अधिकारी ने बीबीसी को बताया की ये शावक करीब आठ महीने के हैं और इन्हें पहली बार 29 जनवरी को उनकी मां टी5 के साथ देखा गया था।

अधिकारी ने बताया नौ फरवरी को बाघिन की मौत के बाद शावकों की देखभाल वन विभाग के कर्मचारी कर रहे थे। शावकों की उम्र अभी खुद शिकार करने लायक नहीं हुई है इसलिए उनके पेट भरने का इंतजाम कर्मचारी ही करते हैं।

रणथम्भौरके फ़ील्ड निदेशक राजेश गुप्ता ने कहा, 'तीस मई को मैं वहां गया था। मैं एक चोटी पर खड़ा था और मैंने देखा कि ठीक नीचे इनमें से एक शावक मांस खा रहा है। शावक स्वस्थ था। ऐसा लगता है कि बाघ उन्हें बिना छेड़े खाने दे रहा है।'

असामान्य व्यवहार : राजस्थान के मुख्य वन्यजीव वॉर्डन यूएम सहाय ने जयपुर से बीबीसी को बताया, 'ये बहुत ही असामान्य है। आमतौर पर तो जब बाघ बाघिन से मिलने आता है तब भी बाघिन अपने शावकों पर नजर रखती है।'

भारत के जाने-माने टाइगर रिजर्व रणथम्भौर में करीब 40 बाघ हैं जिनमें से 12 के करीब शावक हैं। इस वर्ष मार्च में आई बाघों की ताजा गिनती के अनुसार भारत में 1706 बाघ हैं।

पिछली सदी के अंत तक भारत में करीब एक लाख बाघ थे, लेकिन तब से इनकी संख्या में भारी कमी आई है। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार भारत में 97 फीसदी बाघ अवैध शिकार और अपने ठिकानों के सिकुड़ने की वजह से मारे गए हैं।

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