मोदी से अलग होने के बाद कहां हैं जसोदाबेन?

भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी वडोदरा सीट से चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामे में खुद को शादीशुदा बताकर एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं।
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पहली बार मोदी ने आधिकारिक तौर पर स्‍वीकार कर लिया है कि जसोदाबेन उनकी पत्‍नी हैं। मोदी अभी तक पत्नी के बारे में जानकारी देने वाले कॉलम को खाली छोड़ देते थे।

कांग्रेस ने इस मुद्दे पर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं जसोदाबेन के घर वाले इस खबर को लेकर उत्साहित भी है और चिंतित भी। जसोदाबेन के घर वाले कहते हैं कि बरसों की भक्ति रंग लाई है और मोदी ने आखिरकार उनको पत्नी का दर्जा दे दिया।

जब जसोदाबेन 15 साल की थीं और मोदी 17 साल के थे, तब गुजरात के उंझा के नजदीक ब्रह्मवाड़ा गांव में उनका विवाह हुआ था।

सुरक्षा की चिंता : परिवार वाले कहते हैं मोदी की बारात दो दिनों तक गाव में रुकी थी और शादी रीति-रिवाजों के मुताबिक हुई थी। पर शादी के तीन साल के बाद दोनों अलग हो गए। इन दिनों जसोदाबेन एक रिटायर्ड स्कूल टीचर की जिन्दगी बसर कर रही हैं और उंझा में अपने छोटे भाई अशोक के साथ रहती हैं।
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अशोक भाई ने बताया, 'वे इन दिनों चार धाम की यात्रा पर गई हैं। उनका अधिकतर समय पूजा-पाठ में गुजरता है। जसोदाबेन अपने विवाहित जीवन के बारे में किसी से बात नहीं करतीं। अब जब नरेंद्र मोदी ने उन्हें अपनी पत्नी माना है तो मैं उनको अपना 'बनेवी' (जीजाजी) कह सकता हूं।'

वो कहते हैं, 'मुझे लगता है कि ये जसोदाबेन की भक्ति ही है कि आज तकरीबन 50 साल बाद ये हुआ।'

अशोक भाई उंझा में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हैं और वे दस साल के थे जब मोदी और उनकी बहन की शादी हुई थी। वो कहते हैं, 'मैं और परिवार में सभी लोग चाहते हैं कि मोदी प्रधानमंत्री बने पर मैं जसोदाबेन की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं।'

रोज खबरें : जसोदाबेन के छोटे भाई कमलेश मोदी मानते हैं कि उनकी बहन को औपचारिक रूप से पत्नी के तौर पर नरेंद्र मोदी के स्वीकार कर लेने के बाद वह बहुत खुश होंगी। कमलेश भाई कहते हैं, 'जसोदाबेन नरेंद्र मोदी के बारे में अख़बार में और न्यूज चैनल पर रोज खबरें देखा करती हैं।'
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कमलेश बताते हैं, 'कितनी बार हम उसे कहते कि क्यों देखती हो पर वह हमें चुप करा देती। आज जब मोदी ने उन्हें अपनी पत्नी माना है तो हम बहुत खुश हैं। मेरी उनसे इस बारे में बात नहीं हुई है पर मैं मानता हूं कि वे भी बहुत खुश होंगी।' कमलेश भाई उंझा से नजदीक एक इसबगोल फैक्ट्री में मजदूर हैं।

उन्होंने कहा, 'हमें मोदी के प्रति हमेशा से गौरव रहा है कि हमारे यहां का कोई आज प्रधानमंत्री बनने जा रहा है।' जब उनसे पूछा गया कि वे किसे वोट देते हैं तो कमलेश भाई ने कहा, 'मैं किसी को नहीं बताता।'

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गृह त्याग : नरेंद्र मोदी का परिवार भी उनके बचाव में आगे आ गया है। नरेंद्र मोदी के भाई सोमा भाई दामोदर दास मोदी का कहना है कि 40-50 साल पहले की घटना का मूल्यांकन मोदी की आज की प्रतिष्ठा के आधार पर करना सही नहीं है।
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वे कहते हैं, 'मोदी ने सांसारिक भोग विलास को छोड़कर गृह त्याग कर रखा है। परिवर की करबद्ध प्रार्थना है कि मोदी की आज से बचपन की 40-50 साल पहले की घटना का आज की उनकी प्रतिष्ठा के आधार पर मूल्यांकन न किया जाए। 40-50 साल परिवार बहुत ही गरीब था और हम लोग रुढ़िवादी बंधनों में चलने वाले परिवार की संतान हैं।'

सोमा भाई दामोदार दास मोदी आगे कहते हैं, 'परिवार में शिक्षा नाम मात्र की थी। हमारे माता-पिता ने छोटी उम्र में हमारे भाई का विवाह करवाया। उनके लिए देश सेवा एकमात्र धर्म था। सांसारिक भोगविलास को छोड़कर गृह त्याग कर दिया। आज 45-50 साल बाद भी नरेंद्र भाई परिवार से अलिप्त हैं।'

'कोई मलाल नहीं' : जसोदाबेन के बारे में सोमा भाई ने बताया कि उन्होंने अपने पिता के घर रहकर टीचर का काम करके अपनी जिंदगी गुजारी है। उधर पेंशन में जिन्दगी बसर कर रही जसोदाबेन ने कभी मोदी या अपनी शादी को लेकर कोई मलाल व्यक्त नहीं किया।

जसोदाबेन के परिवार वाले कहते हैं कि जब भी कोई मोदी के बारे में कुछ आपत्तिजनक बोलता था वह उसे चुप करा देती थीं।

मोदी से अलग होने के बाद जसोदाबेन ने धोलका से अपनी पढ़ाई पूरी की और सरकारी स्कूल में टीचर की नौकरी से 2009-10 में सेवानिवृत हुई। अब वे अपना सारा वक्त भगवान की भक्ति में बिताती हैं।

घर वाले कहते हैं कि जसोदाबेन स्कूल के बच्चों में लोकप्रिय थीं। उनके मन में मोदी के लिए कभी कोई दुर्भावना नहीं आई क्योंकि घर के बुजुर्ग कहते थे कि नरेंद्र मोदी को कभी शादी नहीं करनी थी पर उनके पिताजी ने उनकी शादी करवा दी।

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