भाजपा में मतभेदों के बारे में पूछने पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी चुटकी लेते हुए कहते हैं कि 'छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी, मिलकर लिखेंगे अब एक नई कहानी।' बकौल गडकरी इंदौर का अधिवेशन संगठन दृष्टि से पार्टी के लिए खासा महत्वपूर्ण है। अधिवेशन में हम जहाँ इस बात पर विचार करेंगे कि पार्टी का देश में विस्तार और जनाधार कैसे बढ़ाया जाए, वहीं हम केंद्र में सत्तारूढ़ यूपीए सरकार की जनविरोधी नितियों के खिलाफ रणनीति भी बनाएँगे।
महँगाई और राष्ट्रीय सुरक्षा देश की सबसे बड़ी समस्या है। मेरा मानना है कि कांग्रेस और भाजपा में बहुत फासला नहीं है। सिर्फ दस प्रतिशत वोट हमें चाहिए। इसे प्राप्त करने के लिए दलितों, अल्पसंख्यकों और असंगठित क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है।
हमारे लिए दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा अंत्योदय का है। अंत्योदय के प्रति भाजपा पंडित दीनदयालजी के समय से ही समर्पित है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में राजग सरकार ने इसे आगे बढ़ाया था। पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति अर्थात अनुसूचित जातियों, जनजातियों, पिछड़े तथा अन्य दुर्बल वर्गो सहित वंचित लोगों को अग्रता प्रदान करना हमारा उद्देश्य है। इंदौर में देशभर से भाजपा कार्यकर्ता और नेता जुटेंगे, इसलिए भाजपा के प्रत्येक सदस्य से अपेक्षा करूँगा कि वह अपने कार्यक्षेत्र में कम से कम एक विकास और सेवा प्रकल्प से जरूर जुड़े। जिन राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं वहाँ पर सामाजिक सरोकारों से जुड़ी राजनीति पर बल दिया जाएगा।
भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन जब भी पहले होता था, तब भी तंबुओं का शहर बसाया जाता था। कार्यकर्ताओं और नेताओं का एक बड़ा वर्ग उनमें रहता था लेकिन इंदौर में यह पहली बार होगा, जब पार्टी के शीर्ष नेता भी तंबुओं में रहेंगे। बकौल गडकरी तंबुओं में अधिवेशन कराने का सुझाव आडवाणीजी की तरफ से आया था। असल में शादियों के चलते अधिवेशन की तिथियों के दौरान इंदौर में ठहरने के लिए होटल और स्थान का संकट खड़ा हो रहा था ऐसे में आडवाणीजी ने सुझाव दिया कि यदि संभव हो तो तंबुओं में भी ठहरने की व्यवस्था की जा सकती है।
सब लोग तंबुओं में रहेंगे। इसलिए यह योजना बनी। मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है और कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम है। कई दूसरे राज्यों ने भी अधिवेशन कराने की इच्छा प्रकट की थी। हमें ऐसे स्थान की तलाश थी जो देश के मध्य में हो और जहाँ अधिक सर्दी या गर्मी की समस्या न हो। ऐसे में इंदौर उत्तम लगा।
इंदौर में जिस भूमि पर अधिवेशन होगा, वहाँ कुशाभाऊ ठाकरे के अलावा स्व. प्यारेलाल खंडेलवाल और राजमाता विजयाराजे सिंधिया की याद में भी पंडाल और सभागार रहेंगे। मध्यप्रदेश में भाजपा के विस्तार में इन तीनों नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। (जैसा उन्होंने मनोज वर्मा को बताया)