बात कुछ हद तक इमरान हाशमी की सही है। उनसे कम सफल फिल्म देने वाले उनसे ज्यादा चर्चा बटोरते हैं, मानो वे इमरान की तुलना में आगे हैं। मीडिया भी उनके ही गुणगान करता है और बेचारे इमरान को "सीरियल किसर" का टैग देकर चिढ़ाता रहता है। सफल फिल्म देने के बावजूद उनकी टांग खींची जाती है।
"मर्डर-2" ने जिस हिसाब से टिकट खिड़की पर सफलता के झंडे गाड़े हैं, वह इस बात का प्रतीक है कि लोग इमरान को पसंद करते हैं। भले ही फिल्म की सफलता के लिए हॉट सीन और चुंबन दृश्यों को जिम्मेदार बताया जा रहा है, लेकिन इमरान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
"मर्डर-2" की कामयाबी ने इमरान में जोश भर दिया है और वे अब बोलने भी लगे हैं। हाशमी साहब का कहना है कि बात जब फिल्म इंडस्ट्री के सफल हीरो की होती है तो तीन खान के अलावा रितिक रोशन और अक्षय कुमार के नाम लिए जाते हैं। यहाँ तक कि रणबीर कपूर और इमरान खान जैसे हीरो की गिनती भी इमरान हाशमी के पहले कर ली जाती है, जबकि हाशमी की फिल्मों की लिस्ट उठाकर आप देखेंगे तो उनकी सफल फिल्मों की संख्या कहीं ज्यादा है।
इन सब बातों से सीरियल किसर को बुरा लगना स्वाभाविक है। उनके अनुसार अब उनका नाम सफल हीरो में इज्जत के साथ लिया जाना चाहिए और सफल फिल्मों का श्रेय संगीत, गाने, हॉट सीन, किसिंग सीन के साथ-साथ उन्हें भी दिया जाना चाहिए।