वन फाइन मंडे

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निर्माता : जस्मिन सरुप्रिया
निर्देशक : मनु चौबे
संगीत : सिद्धार्थ श्रीवास्तव
कलाकार : शेखर सुमन, तनाज़ करीम, गौरी कर्णिक, राज जुत्शी, राजेश विवेक

‘वन फाइन मंडे’ के जरिये शेखर सुमन एक बार फिर बड़े परदे पर नायक के रूप में दिखाई देंगे। इस फिल्म की कहानी श्यामराव सावंत (शेखर सुमन) के आसपास घूमती है।

श्यामराव, शहर का एक बहुत बड़ा डॉन है। उसके नाम से सब काँपते हैं। श्यामराव के पिता बीमार हैं और मृत्यु का इंतजार कर रहे हैं। अपने पिता के सामने श्यामराव वचन देता है कि वह सारे बुरे काम को त्यागकर एक शरीफ आदमी के रूप में जिंदगी गुजारेगा।

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सोमवार की सुबह से श्यामराव की शुरुआत एक आम आदमी के रूप में होती है। जैसे-जैसे सोमवार बीतता है, श्यामराव की मुलाकात उसकी गर्भवती बहन (गौरी कर्णिक), जो वास्तव में गर्भवती नहीं है, बदमाश अकाउंटेंट (राज जुत्शी), गुस्सैल पत्नी (तनाज़ करीम) और एक ऐसी बहन (तृप्ता पाराशर) जिसके बारे में वह जानता भी नहीं है, से होती है। कानून का शिकंजा भी उस पर कसता जाता है।

श्यामराव की समझ में आ जाता है कि आम और शरीफ आदमी के रूप में जिंदगी जीना इतना आसान नहीं है, जितना कि वह समझ रहा था। उसकी कहानी को हास्यभरे अंदाज में दिखाया गया है।

निर्देशक के बारे में :
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मनु चौबे ने बालाजी टेलीफिल्मस द्वारा निर्मित धारावाहिकों में लेखन कार्य किया है। टीवी से फिल्मों की दुनिया में वे इसलिए आए हैं, क्योंकि फिल्मों का दायरा विस्तृत है। मनु का इरादा सप्ताह के हर दिन पर फिल्म बनाने का है। सोमवार से वे शुरुआत कर चुके हैं और मंगल, बुध होते हुए वे रविवार तक जाना चाहते हैं। ‘वन फाइन मंडे’ में उन्होंने हास्य को प्रमुखता दी है। अगली फिल्मों में वे एक्शन, रोमांस, रहस्य जैसे तत्वों को प्रमुखता देंगे।