एजेंट विनोद की कहानी

निर्माता : सैफ अली खान, दिनेश विजान
निर्देशक : श्रीराम राघवन
संगीत : प्रीतम चक्रवर्त
कलाकार : सैफ अली खान, करीना कपूर, गुलशन ग्रोवर, प्रेम चोपड़ा, रवि किशन, अदिल हुसैन, मलिका हेडन, शाहबाज़ खान
रिलीज डेट : 23 मार्च 2012

PR


सैफ अली खान पिछले कुछ महीनों से अपनी करियर की सबसे बड़ी फिल्म ‘एजेंट विनोद’ में व्यस्त रहे हैं। एक्शन और एडवेंचर से भरपूर इस फिल्म ने उनका काफी समय लिया। बॉलीवुड वाले उम्मीद लगाए बैठे हैं कि यह फिल्म सौ करोड़ क्लब में शामिल होने का दम रखती है। फिल्म के प्रोमो उत्सुकता जगा रहे हैं। सैफ का कहना है कि यदि फिल्म सफल रहती है तो वे इसका सीक्वल भी बनाएंगे। इस फिल्म की कहानी सीक्रेट एजेंट विनोद के इर्दगिर्द घूमती है, जो कई देशों द्वारा खेले जा रहे गेम से भलीभांति परिचित है। उसके पास कई जानकारियां हैं।

PR


पूरी दुनिया में कुछ ऐसी घटनाएं श्रृंखलाबद्ध तरीके से घटती है, जिनका आपस में कोई संबंध नहीं लगता है। उज्बेकिस्तान में एक्स केजीबी ऑफिसर को टॉर्चर करने के बाद मौत के घाट उतार दिया जाता है। केपटाउन में इस ऑफिसर की मौत के बारे बिज़नेस टॉयकून्स बात कर रहे हैं। उनका मानना है कि केजीबी ऑफिसर के पास न्यूक्लियर बम के सारे राज थे।

PR


मास्को में एक इंडियन सीक्रेट एजेंट का राज खुल जाता है और उसे गोली मार दी जाती है क्योंकि वह कोड मैसेज भारत भेज रहा था। भारत में रॉ के हेड के हाथ अधूरा मैसेज लगता है जिसमें 242 नंबर रहता है। एजेंट विनोद की एंट्री होती है। विनोद (सैफ अली खान) के काम करने का अंदाज अलग है। वह पहले दरवाजा खोलता है फिर देखता है कि उसके पीछे क्या है। अपनी इसी आदत के चलते विनोद कई बार खतरों से घिरा है।

PR


विनोद जांच के लिए मास्को भेजा जाता है कि क्यों उसके साथी को मारा गया है। विनोद को पता चलता है कि अबू नजर नामक रूसी ने पचास मिलियन डॉलर की रकम मोरक्को भेजी ताकि भारतीय एजेंट को मारा जाए। विनोद मोरक्को जाता है जहां उसकी मुलाकात माफिओसी कज़ान और खूबसूरत लेकिन रहस्सयमयी महिला रूबी से होती है। इसके बाद कई उतार-चढ़ाव आते हैं और विनोद माराकेश, रिगा, कराची, दिल्ली से लंदन पहुंचता है जहां से षड्यंत्र रचा जा रहा है। आप भले ही एजेंट विनोद के काम करने के तौर-तरीकों से असहमत हो, लेकिन इस बात की खुशी महसूस करते हैं कि वह आपकी तरफ है। एजेंट विनोद एक्शन और एडवेंचर का पासपोर्ट है।

PR


निर्देशक के बारे में : श्रीराम राघवन एक उम्दा लेखक और निर्देशक हैं। थ्रिलर बनाने में उनका कोई जवाब नहीं। 2004 में उन्होंने सैफ अली खान को लेकर ‘एक हसीना’ बनाई थी। सैफ की श्रेष्ठ फिल्मों इसे गिना जाता है। 2007 में राघवन ने ‘जॉनी गद्दार’ बनाई। यह एक बेहतरीन थ्रिलर मूवी है। अफसोस की बात यह रही कि दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकामयाब रही। एजेंट विनोद को बनाने में उन्होंने लंबा समय लिया और कई देशों में इसकी शूटिंग की। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह फिल्म उनकी पिछली फिल्मों की तरह बेहतरीन होगी और इस बार सफल भी रहेगी।

वेबदुनिया पर पढ़ें