थोड़ा-सा बदल कर देखें, लाइफ बदल जाएगी

मंगलवार, 5 जुलाई 2011 (10:55 IST)
अनुराग तागड़े
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बदलाव अपने साथ कई बातों को लाता है और अक्सर हम बदलाव से डरते हैं। ऐसा डर क्यों होता है? और आखिर क्या कारण होते हैं कि हम स्वयं में बदलाव लाने से डरने लगते हैं? बदलाव अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी पर बदलाव के लिए स्वयं को तैयार करना यह महत्वपूर्ण है। अक्सर एक उम्र होने के बाद ऑफिस का कार्य हो या फिर अन्य कार्य सभी में एक जैसा करने की आदत हो जाती है और उसमें जरा सा बदलाव भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं होता।

छोटा-सा वाकया है। एक व्यक्ति काफी वर्षों से एक ही कंपनी में काम कर रहा था। कंपनी भी उसके कार्य से काफी खुश थी। पर परिवर्तन का दौर आया और संस्थान में नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया जिसमें कम्प्यूटर के माध्यम से काम करना भी शामिल था। संस्थान द्वारा बाकायदा ट्रेनिंग सेशन आयोजित किए गए पर कुछ लोग जिनमें से अधिकांश उम्रदराज लोगों ने प्रशिक्षण में भाग नहीं लिया। उनका तर्क यह था कि वे जिस तरह से काम कर रहे हैं वही श्रेष्ठ है और उसमें किसी भी प्रकार का बदलाव किया गया तो उसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।

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उन्होंने साथ में यह भी कहा कि इतने वर्षों से यही काम हम अपने तरीके से करते आ रहे हैं फिर नई टेक्नोलॉजी की जरूरत ही क्यों है? दरअसल वे सभी इस प्रकार के बदलाव से डर रहे थे । ऐसा बदलाव जो अतिरिक्त समय सीखने के लिए मांग रहा था। ऐसा बदलाव जिसमें वे स्वयं को ठीक महसूस नहीं कर रहे थे।

इसका परिणाम यह हुआ की कुछ ही दिनों में ऑफिस में सभी कार्य कम्प्यूटर पर होने लगा और जो बदलाव को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे, ऐसे लोग जो कार्य दिनभर में करते थे वही काम एक घंटे में होने लगा।

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संस्थान में युवा साथियों की भीड़ बढ़ने लगी। काफी जद्दोजहद के बाद वे सभी प्रशिक्षण के लिए तैयार हुए। अनमने ढंग से ही सही पर उन्होंने नई टेक्नोलॉजी का साथ पाया और कुछ समय बाद उन्हें कार्य करने में आसानी हो रही थी। वे स्वयं यह सोचने लगे थे कि वे जो बदलाव हो रहा था उसका विरोध बिना कारण कर रहे थे जबकि यह उनके फायदा के लिए ही था।

दोस्तो! लोग अपने आप में बदलाव करने से डरते है। खासतौर पर प्रोफेशनल लाइफ में बदलाव करने के लिए कई बार मौके भी आते हैं परंतु हम अनजाने डर के कारण इस बदलाव को स्वीकार करने से मना कर देते हैं।

अगर आप भीतर के डर को निकाल फेंकें और स्वयं की गलतियों को स्वीकार कर नए बदलाव की ओर जाने के लिए अग्रसर हों तब सफलता निश्चित मिलती है और अगर आप इस डर को नहीं निकाल पाए और हरदम बदलाव का विरोध ही करते रहे तब आपको भी बदल दिया जाएगा। इस बात का जरूर ध्यान रखें।

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