अब चैलेंजिंग बन गया है बैंकिंग सेक्टर

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पूरे देश की बैंकों द्वारा युवा प्रोफेशनल्स को अपने कार्यदल में शामिल कर उन्हें चैलेंजिंग करियर निर्माण के भरपूर अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

जिस तरह से दुनिया के कोने-कोने में भारतीय बैंकों का विस्तार हो रहा है, वैसा वातावरण पहले कभी नहीं देखा गया था।

भारतीय बाजारों के बढ़ते आकार तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था से इसके जुड़ाव के साथ भारतीय बैंकों के लिए विश्वस्तरीय विस्तार परिहार्य हो गया।

इसी दौरान कई लोगों ने वीआरएस लेकर बैंक से रोजगार छोड़ दिया। हालाँकि नौकरी बदलने की समस्या सभी उद्योगों के सामने आई है, बैंकों के लगभग 15-20 प्रतिशत कर्मचारी अन्य वित्तीय संस्थाओं में चले गए।

इससे निपटने के लिए कई बैंकों द्वारा स्टॉक आप्शंस, बोनस आदि जैसी कई योजनाएँ लागू की गईं। फिर भी जब काम नहीं चला तो बैंकों को कई प्रमुख संस्थानों से अनुबंध करना पड़ा तथा प्रतिभाशाली लोगों की तलाश हेतु ऐसे संस्थानों, विश्वविद्यालयों से अनुबंध करना पड़ा, जो बैंकिंग पर सर्टिफिकेट कोर्स संचालित करते हैं।
पूरे देश की बैंकों द्वारा युवा प्रोफेशनल्स को अपने कार्यदल में शामिल कर उन्हें चैलेंजिंग करियर निर्माण के भरपूर अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। जिस तरह से दुनिया के कोने-कोने में भारतीय बैंकों का विस्तार हो रहा है, वैसा वातावरण पहले कभी नहीं देखा गया था।


पोस्ट ग्रेजुएट डिप्‍लोमा
बैंकिंग क्षेत्र आकाशीय प्रगति से आगे बढ़ रहा है। इस बढ़ते विकास ने ऐसे कुशल और दस प्रोफेशनल्स की आवश्यकता प्रचुत मात्रा में बढ़ी, जो इस क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझते हों। एनआईआईटी के उद्यम इंस्टीट्यूट ऑव फाइनेंस बैंकिंग एंड इंश्योरेंस द्वारा बैंकिंग ऑपरेशंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्रदान किया जाता है, जिसके लिए उसने आईसीआईसीआई बैंक से सुविज्ञता हासिल की है। पीजीडीबीओ 6 माह का कार्यक्रम है, जिसमें 3 माह का पूर्णकालीन क्लासवर्क और 3 माह की इंटर्नशिप हो जाती है।

और बढ़ेंगे अवसर...
2000 में जब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय बैंकों के लिए बीएएसईएल ॥कार्यान्वित की अंतिम तिथि पूरी हो जाएगी तथा विदेशी बैंकों के लिए भारत में निर्बाध उपस्थिति सुनिश्चित हो जाएगी, तब बैंकों में करियर निर्माण के अवसर और बढ़ जाएँगे।

नए-नए क्षेत्र, नए-नए अवसर
अब बैंकों में नए-नए क्षेत्रों के आगमन से करियर निर्माण के नए-नए अवसर निर्मित होने लगे हैं। ये नए क्षेत्र हैं- सरल क्रेडिट, कॉर्पोरेट क्रेडिट, प्रोजेक्ट फाइनेंस और कंज्यूमर क्रेडिट। इन दिनों भारत में कॉर्पोरेट क्रेडिट मजबूती से वापस लौट रहा है और सरल क्रेडिट का महत्व बढ़ता जा रहा है। बचत में भी बुनियादी बदलाव आ रहा है।

जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था विकसित होगी, बचत दर भी बढ़ेगी। लेकिन व्यक्तिगत बचत दर इंश्योरेंस, म्यूच्युअल फंड जैसे विकल्पों के साथ बदलेगी। इन दिनों कॉर्पोरेट्स में भारी सरप्लस है और बैंक डिपॉजिट धीरे-धीरे रिटेल से कॉर्पोरेट क्षेत्र की तरफ बढ़ रहा है।

स्रोत: नईदुनिया अवसर

विदेशी बैंकों में अवसर
ऐसी आशा है कि 2009 तक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विदेशी बैंकों से प्रतिबंध उठा लिए जाएँगे। इससे विदेशी बैंकों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बढ़ेंगे बैंकिंग में करियर निर्माण के अवसर।

आईएफबीआई का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग
आईटी और बैंकिंग का तालमेल बनाने और बैंकों के साथ साथ इंश्योरेंस और वित्तीय संस्थाओं के लिए दस कर्मचारियों को व्यावहारिक ज्ञान देकर तैयार करने के लिए आईटी संस्था एनआईआईटी ने आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग से इंस्टीट्यूट फाइनेंस बैंकिंग इंश्योरेंस (आईएफबीआई) का गठन किया गया था।

अध्ययन क्षेत्र
आईएफबीआई द्वारा आज के सूचना प्रौद्योगिकी युग तथा बैंकिंग क्षेत्र की सेवाओं के अनुरूप चार आगामी सेवाएँ देने के लिए डोमेन टेक्नोलॉजी, एप्लीकेशन तथा कस्टमर सर्विस में दक्ष किया जा रहा है। डोमेन नॉलेज और अद्भुत कार्यप्रणाली के माध्यम से आईएफबीआई द्वारा ज्ञान, व्यवहार तथा आधुनिक बैंकिंग के लिए आत्मविश्वासी युवा प्रोफेशनल्स तैयार किए जा रहे हैं।

बैंकिंग ऑपरेशंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्‍लोमा
आईएफबीआई का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग ऑपरेशंस (पीजीडीबीओ) 6 माह का पूर्र्णकालिक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य आधुनिक बैंकिंग के लिए प्रदेश स्तर पर इंडस्ट्री रेडी प्रोफेशनल्स तैयार करना है। नई पीढ़ी का बैंकर बैंकिंग और उससे जुड़े क्षेत्रों के ज्ञान से परिपूर्ण होता है, जिसमें प्रौद्योगिकी की समझ, उपभोक्ता के प्रति अभिप्रेरण और अनुप्रयोग का कौशल होता है।

प्रवेश हेतु पात्रता
किसी भी विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण होने वाले छात्र पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग ऑपरेशंस के लिए आवेदन कर सकते हैं। अंतिम वर्ष के छात्र भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन उन्हें डिग्री पूरी करने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए आयु सीमा 26 वर्ष है।

प्रवेश प्रक्रिया
पीजीडीवीओ के प्रवेश तिमाही में एक बार दिया जाता है, जिसके लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है। इसके लिए आवेदन नई दिल्ली, बंगलोर, चेन्नाई, हैदराबाद, कोलकाता तथा मुंबई स्थित केंद्रों पर उपलब्ध है। इसे आईएफबीआई की वेबसाइट से भी डाउनलोड किया जा सकता है।

स्रोत: नईदुनिया अवसर

परीक्षा तथा साक्षात्कार
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग ऑपरेशंस के लिए एप्टियूट टेस्ट और पर्सनल इंटव्यू के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। प्रवेश परीक्षा को आईएफबीआई पीजीडीबीओ प्रवेश परीक्षा (आईपीएटी) कहा जाता है। इस टेस्ट की अवधि 55 मिनट है। इसके अंतर्गत इंग्लिश लैंग्वेज एबिलिटी, न्यूमेरिकल एबिलिटी, लॉजिकल रिजोनिंग और बेसिक चेकिंग पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

टेस्ट का परिणाम दो कार्य दिवसों के अंदर घोषित कर दिया जाता है तथा चयनित छात्रों को साक्षात्कार हेतु बुलाया जाता है, जिसके लिए केंद्रों पर तथा आईएफबीआई वेबसाइट पर अधिसूचना जारी की जाती है। प्रवेश हेतु नामांकन प्रक्रिया साक्षात्कार कार्यक्रम से जुड़ी होती है।
साक्षात्कार में सफल प्रत्याशियों से यह अपेक्षित होता है कि वे निर्धारित फीस जमा करवाकर तुरंत नामांकन करवा लें। इसके साथ ही उन्हें इंटर्नशिप, एजुकेशन लोन, रोजगार गारंटी की जानकारी भी दी जाती है तथा नामांकन के दौरान ही उन्हें वेलकम किट भी प्रदान की जाती है।

प्लेसमेंट सर्विस
चयनित उम्मीदवारों को प्री-एम्प्लायमेंट प्लान के तहत प्रवेश दिया जाता है। पार्टनर बैंक द्वारा इनका नामांकन केे समय ही चयन कर प्रशिक्षण पश्चात सीधे रोजगार दे दिया जाता है। फिलहाल सफल प्रत्याशियों को आईसीआईसीआई बैंक में नियुक्ति प्रदान की जाती है। जो प्रत्याशी प्री-एम्प्लायमेंट ऑफर के बिना नामांकन करवाते हैं, उन्हें रोजगार दिलवाने में मदद की जाती है। ऐसे प्रत्याशियों की संख्या गिनी-चुनी होती है, क्योंकि अधिकांश प्रतिभागियों का नामांकन प्री-एम्प्लायमेंट ऑफर के साथ ही किया जाता है।

स्रोत: नईदुनिया अवसर