फॉरेंसिक एकाउंटेंट्स की माँग

- अशोक सिंह

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दिन-ब-दिन बढ़ते कॉरपोरेट घोटालों से फॉरेंसिक एकाउंटेंट्स के लिए रोजगार के अवसर समूची दुनिया में तेजी से बढ़े हैं। इनका काम आम एकाउंटेंट्स से भिन्न होता है।

कंपनियों का महज लेखा-खाता तैयार करने तक ही इनका काम सीमित नहीं है बल्कि इन्वेस्टर्स, शेयर होल्डर्स, इनकम टेक्स विभागों आदि को धोखा देने के इरादे से तैयार जाली एकाउंट्स का पता लगाना और दोषी लोगों तक पहुँचने में मदद करने का भी इनका काम है। एक मोटे अनुमान के अनुसार देश में इस वक्त 6 हजार से अधिक फॉरेंसिक एकाउंटेंट्स की जरूरत है।

फॉरेंसिक एकाउंटेंट्स मोटे तौर पर दो क्षेत्रों में अपना योगदान देते हैं, ये हैं इन्वेस्टीगेटिव एकाउंटिंग और कानूनी मामलों में सबूत जुटाने में मदद करना। इतना ही नहीं, कारॅपोरेट फ्रॉड्स की रोकथाम और नुकसान कम करने में भी इनकी अहम भूमिका नकारी नहीं जा सकती है।

बहुचर्चित सत्यम घोटाले के बाद न सिर्फ कॉरपोरेट जगत इस बारे में सचेत हुआ है बल्कि आम शेयरधारक और सरकारी तंत्र भी काफी जागरूक हो गए हैं। नामी कंपनियों में फुलटाइम अथवा अनुबंध आधार पर मोटी फीस की एवज में इस प्रकार के एक्सपर्ट्स को नियुक्त करने का एक नया ट्रेंड ही चल पड़ा है।

एकाउंटस का समस्त कामकाज अब पूरी तरह कंप्यूटर एवं सॉफ्टवेयर आधारित हो चुका है। ऐसे में महज एकाउंटस का जानकार होना इस क्षेत्र में करियर निर्माण के लिए पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। रोज इससे संबंधित नए सॉफ्टवेयरों का विकास देश-विदेश में किया जा रहा है।

इसी कारण स्वयं को इन समस्त तकनीकियों और एकाउंटस के गुरों से अवगत रखना सफलता की ऊँचाइयाँ छूने की अनिवार्य शर्त कही जा सकती है। अमूमन इन प्रोफेशनलों को इन्वेस्टीगेटिव एजेंसियों, पुलिस और अन्य कानूनी पेशेवरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करना पड़ता है इसलिए लॉ का ज्ञान इन्हें आगे बढ़ने में अतिरिक्त सहायता प्रदान करता है।

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