ध्यान से आती है शरीर में स्थिरता

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अक्सर हम देखते हैं कि हर मनुष्य किसी न किसी प्रकार के तनाव में जीता है और उसके मन का यह तनाव उसके शरीर पर, चेहरे के भाव या हाथ-पांव की गतिविधियों के माध्यम से देखने को मिलता है।

जैसे कुछ मनुष्यों की आदत होती है कि वे अपनी बात को प्रस्तुत करने के लिए हाथ हिला-हिलाकर समझाने की कोशिश करते हैं।

कभी हम देखते हैं कि कुछ व्यक्ति समूह में बैठे होने पर भी स्थिर ना बैठते हुए हिलते-डुलते रहते हैं या यूं कहें कि सबके बीच असुविधाजनक महसूस करते हैं तो कभी किसी के चेहरे से हमेशा तनाव दिखाई देता है।

मनुष्य की इन कमजोरियों को दूर करने के लिए यदि वह ध्यान-आसनों का अभ्यास प्रतिदिन करें तो शरीर में स्थिरता आती है और प्राणायाम का प्रतिदिन अभ्यास कर मन की चंचलता समाप्त होती है। इससे मन शांत, स्थिर व एकाग्र होता है।

जब शरीर और मन शांत व स्थिर होते हैं तो अपने आप ही आत्मविश्वास बढ़ता है तथा विपरीत परिस्थितियों को समझने में सहायता मिलती है।

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