कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही हृदय गति बढ़ जाती है, पर घबराइए नहीं कोलेस्ट्रॉल बुरा ही नहीं अच्छा भी होता है। हम जानेंगे कोलेस्ट्रॉल क्या है, उसके बढ़ने के कारण और गुड कोलेस्ट्रॉल को कैसे बढ़ाएँ और बुरे कोलेस्ट्रॉल को कैसे घटाएँ।
कोलेस्ट्रॉल मुलायम चिपचिपा पदार्थ होता है जो रक्त शिराओं व कोशिकाओं में पाया जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति एक सामान्य बात है। यह शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। 80 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल का निर्माण हमारे शरीर में लीवर के द्वारा किया जाता है और बाकी 20 प्रतिशत जो भोजन हम लेते हैं, उससे प्राप्त हो जाता है।
हमारे शरीर को कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है * कोशिकाओं के निर्माण के लिए * हारमोन के निर्माण के लिए * बाइल जूस का निर्माण करता है जो वसा के पाचन में मदद करता है।
लेकिन रक्त में इसका अधिक स्तर हृदय संबंधी रोगों का कारण बन जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल दो तरह से मिलता है। शरीर कुछ मात्रा में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण स्वयं करता है तथा शेष जीवोत्पादक चीजों जैसे मक्खन, क्रीम, मलाईयुक्त दूध से आता है। फल, सब्जी एवं अनाजों में कोलेस्ट्रॉल नहीं पाया जाता है।
कोलेस्ट्रॉल के प्रकार * एचडीएल : हाई डेन्सीटी लाइपो प्रोटींस * एलडीएल : लो डेन्सीटी लाइपो प्रोटींस * एचडीएल : मतलब हाई-डेन्सीटी लाइपो प्रोटींस इसे 'अच्छे कोलेस्ट्रॉल' के रूप में माना जाता है। यह जमे हुए वसा को निकालने में मदद करता है और धमनियों में अवरोध पैदा करने से रोकता है। * अपेक्षित मात्रा : (40-60 एमजी/डीएल) * 45 एमजी/डीएल से अधिक पुरुषों के लिए * 50 एमजी/डीएल से अधिक महिलाओं के लिए।
हम कई बार बुरे कोलेस्ट्रॉल को कैसे घटाएँ उस पर ज्यादा ध्यान देते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कैसे बढ़ाएँ, उस ओर कम ध्यान देते हैं तो आइए जानें कुछ बातें अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए और सिर्फ जाने ही नहीं बल्कि उस पर अमल कर अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाएँ व स्वस्थ रहें और हृदय रोग को दूर रखें।
* जैसे अलसी के बीज (पिसे हुए) का प्रयोग करें। * सोया व सोया से बने पदार्थ * हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अखरोट एवं बादाम का प्रयोग करें। * महिलाओं के लिए एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट थैरेपी एचडीएल बढ़ाने में मदद करती है। * घुलनशील रेशे जो ओट्स, फल व सब्जियाँ और छोले, राजमा में पाए जाते हैं, दिन में दो बार लेने की कोशिश करें। * मोनो अनसेचूरेटेड वसा को अपने आहार में सम्मिलित करें जैसे कनोला तेल, जैतून तेल और वसा जो पीनट बटर में पाया जाता है, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है बिना टोटल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाए। जैतून के तेल में संतृप्त वसा की मात्रा कम होती है, जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। * प्याज : कच्चा प्याज एलडीएल घटाने में मदद करता है व एचडीएल बढ़ाने में भी मदद करता है। * तैलीय खाद्य पदार्थ जैसे, पराठा, समोसा, कचोरी, सेंव, मठरी और अन्य तैलीय पदार्थों से परहेज करें। * मलाईरहित दूध का प्रयोग करें चाय, कॉफी, दही आदि के लिए। * संपूर्ण अनाज, अंकुरित अनाज, दालें, दलिया, जौ आदि का प्रयोग अधिक मात्रा में करें। * चोकर सहित आटे की रोटी का प्रयोग करें और गेहूँ के आटे में चने का आटा या सोया आटा मिश्रित करें। गेहूँ का आटा + चना आटा 4:1 के अनुपात में। * घी, क्रीम, मलाई, मक्खन, आइसक्रीम आदि का परहेज करें। * मैदे से बनी हुई चीजें जैसे ब्रेड, बिस्किट, नूडल्स, पिज्जा, बर्गर आदि का परहेज करें। इन सब बातों का ध्यान रखकर हम स्वस्थ रह सकते हैं, हृदय रोग से बच सकते हैं।
कुछ तथ्य * अगर हम 1 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं तो हम 20 प्रतिशत हृदय रोग होने की आशंका से बचते हैं। * यदि आपका कोलेस्ट्रॉल 220 मिली/डीएल है तो हृदय रोग होने की आशंका उतनी तीव्र गति में बढ़ जाती है। * हम अपना कोलेस्ट्रॉल बिना दवाइयों के भी अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर कम कर सकते हैं। * लीवर अधिक मात्रा में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करता है लेकिन जितनी संतृप्त वसा हम लेंगे उतना ज्यादा हमारा शरीर कोलेस्ट्रॉल का निर्माण करेगा। * यदि आप हृदय रोग से ग्रसित हैं तो कोलेस्ट्रॉल स्तर कम करके स्वस्थ जिंदगी जी सकते हैं।