खुद को रखें खुश

ND
व्यायाम, काम और आराम में तालमेल बैठाएँ।

जीवन ईश्वर का दिया एक अनुपम उपहार है। सुबह ईश्वर को इस वरदान के लिए धन्यवाद देना चाहिए।

सकारात्मक सोच से जीवन में चमत्कार हो सकता है। खुश रहना आपका जन्मसिद्ध अधिकार है।

डे ड्रीमिंग यानी दिवास्वप्न आत्मविश्वास में इजाफा करते हैं। सो, बिंदास सपने देखे।

संगीत का जादू मन का मौसम बदल देता है।

रोना भी एक टॉनिक है। इसलिए कभी-कभी दिल भर आए तो रो लीजिए।

स्पोर्ट्स, पेंटिंग्स, गार्डनिंग, टूरिज्म, म्यूजिक या रीडिंग हैबिट्स व हॉबीज विकसित करें।

'क्षमा करो भूल जाओ' यानी 'फॉरगिव एंड फॉरगेट' का सिद्धांत अपनाएँ।

ND
क्रिएटिव राइटिंग से नकारात्मक सोच कम होती है। मिल-जुलकर रहें और खुश रहें।

इंटेलिजेंस, इमोशन्स और स्प्रिच्युएलिज्म में सही तालमेल बिठाएँ।

प्रिकॉशन्स इज बैटर देन क्योर यानी उपचार से रोकथाम बेहतर है। समय, प्रयास और धन की दृष्टि से यह फंडा कारगर है।

राष्ट्र की खुशहाली व उन्नति युवाओं की सेहत पर निर्भर करती है। अतः देश के युवाओं का दायित्व है कि वह हेल्थ और फिटनेस पर ध्यान दें।

वेबदुनिया पर पढ़ें