सेहत के लिए कहें हाल-ए-दिल बॉस से

बुधवार, 8 जून 2011 (11:19 IST)
बॉस का नाम सुनते ही चेहरे की पेशियाँ तन जाती हैं कि उसे अपने मन की बात कहने की जहमत कैसे उठाएं? कहीं मामला न बिगड़ जाए पर यकीन मानिए जो कुछ भी आपके मन में आ रहा है सब कुछ कह डालिए, आपका स्वास्थ्य बिलकुल ठीक रहेगा। ब्रिटिश साइकलॉजिकल सोसाइटी के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि जो कुछ सोचते हैं उसे बॉस से कह डालिए। अध्ययन में कहा गया है कि कार्यस्थल पर स्टाफ और लाइन मैनेजर के बीच संबंध बेहद कटु होते हैं जिसके कारण स्टाफ को तनाव के दौर से गुजरना पड़ता है

अध्ययन के मुताबिक बॉस को फीडबैक देने से तनाव दूर होता है। यह अध्ययन 150 मैनेजरों और 500 इंप्लॉयर पर किया गया। इसमें पाया गया कि जो बॉस काम के बारे में अपने कर्मचारियों से फीडबैक पाता है वह अपनी स्टाइल में कई तरह के बदलाव लाता है और यह बदलाव बेहद प्रभावकारी साबित होते हैं।

लेकिन अपने कर्मचारियों से दूरी उसके काम की गति को धीमा करती है। इसके ‍विपरीत कर्मचारी भी अगर बॉस को चिढ़ाने का उपक्रम करते हैं तो अप्रत्यक्ष रूप से अपना ही तनाव बढ़ाते हैं। बॉस पर उनकी हरकतों का प्रभाव पड़े ना पड़े खुद उन पर इसका खासा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता ने कहा कि कोई अगर ये सोचता है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ, वही सही है तो बदलाव कैसे आएगा। नतीजा यह होता है कि तनाव बढ़ता जाता है। नतीजे में पाया गया कि कर्मचारी सबसे अधिक बॉस को लेकर ही तनाव में होता है, जब बॉस से ही दिल की बातें कर ली जाएँ तो 70 प्रतिशत तनाव कम हो जाता है। तनाव में इस कमी का ही सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तो फिर देर किस बात की, कह डालिए बॉस को सारी बातें, स्वस्थ रहेंगे।

वेबदुनिया पर पढ़ें