गर्मियों की अमृत : छाछ

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हमारे पेट में कई प्रकार के कीड़े पाए जाते हैं। आँतों में तो ये लाखों-करोड़ों की संख्या में मौजूद रहते हैं। इनमें कुछ हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं तथा कुछ नुकसानदायक भी। नुकसानदायक कीड़े सक्रिय हो जाएँ तो तरह-तरह के रोग पैदा होने लगते हैं। अगर अधिक जी मिचलाता हो तथा अजीर्ण, ज्वर, दुर्बलता, बार-बार छींक, नजला-जुकाम, उल्टी, अरुचि व पेट में मंद-मंद दर्द हो तो तुरंत सचेत हो जाएँ। समझ लीजिए कि आपके पेट में कीड़े सक्रिय हो चुके हैं।

इसकी वजह से रक्ताल्पता, भूख की कमी व तेज दर्द जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मीठे व अम्लीय पदार्थों का ज्यादा सेवन करने, बार-बार बिना भूख खाना खाने, शारीरिक श्रम का अभाव तथा परस्पर विरोधी पदार्थों का सेवन करने से पेट में कृमियों की उत्पत्ति एवं विकास में मदद मिलती है।

इस मुसीबत में प्रायः लोग विभिन्न दवाओं का सहारा लेते हैं, किंतु अध्ययनों से पता चला है कि दिन में तीन-चार बार भुना हुआ जीरा, थोड़ा नमक व पिसी हुई कालीमिर्च डालकर छाछ पिएँ तो एक सप्ताह में पेट के कीड़ों से छुटकारा मिल जाएगा।

हाँ, ध्यान रहे कि रोगी को ऐसी अवस्था में कोई ऐसी चीज नहीं खानी चाहिए, जिससे पाचन क्रिया में अवरोध पैदा हो। अपच या अजीर्ण से कृमियों के पनपने व विकसित होने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनती हैं। मीठे पदार्थों से परहेज रखना भी आवश्यक होता है।

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