इन फूलों का नाम मैं नहीं जानती, जानती हूं उस वसंत को जो इन फूलों के साथ मेरे कमरे में आया है ....
चाहती हूं तुमसे रूठ जाऊं कई दिनों तक नजर ना आऊं
मगर कैसे वासंती मौसम के पीले फूल ठीक मेरे सामने हैं बिलकुल तुम्हारी तरह
ND
सोचती हूं तुमसे मिले जब गुजर जमाना जाएगा तब भी जीवन के हर एकांत में पीले फूलों का यह खिलता वसंत हर मौसम में मुझे मुझमें ही मिल जाएगा और तब तुम्हारा अनोखा प्यार मुझे बहुत याद आएगा।