अँधेरा, अँधेरा है

भगवतलाल 'उत्पल'
NDND
अँधेरा अँधेरा है
कोई धूल धक्कड़ नहीं
कोई लोहा लक्कड़ नहीं
अँधेरा अँधेरा है
कोई काला पहाड़ नहीं
जैसा जी चाहे
तोड़ो-फोड़ो
गिट्‍टियाँ बनाओ
सिल्लियाँ निकालो
अँधेरा अँधेरा है

कोई बालू का ढूह नहीं
कि एक लात मारो
भरभरा कर ढह जाए
अँधेरा अँधेरा है

मेरे भाई !
इससे बचने का
तुम्हें उपाय करना है।
बुझ गई आग जो
सीनों में मशीनों में
उसको दहकाओ
अनल राग गाओ
अँधेरा
टेरेगा पिघलेगा
बूँद-बूँद चूएगा
डगर-डगर डोलेगा
फिर उस पर
धूल धक्कड़
कंकड़ पत्थर फेंको
दुरमुस चलाओ
रोलर दौड़ाओ
अँधेरा-अँधेरा
नहीं रह पाएगा
अँधेरा सड़क बन जाएगा।