मां क्यों तू मुझसे रूठ गई क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई क्यों तेरी ममता पे मेरा अधिकार नहीं क्यों बेटों के जितना मुझपे तेरा प्यार नहीं पराई नहीं मैं अपना के देखो मां अंश हूं तुम्हारा गले लगा के देखो मां कैसे समझ लिया तूने तेरी किस्मत फूट गई क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई।
नैन है बेटा तो बेटी है दृष्टि निर्माण है बेटा तो बेटी है सृष्टि बेटी बिन कैसे बहू तुम लाओगी कैसे बोलो फिर वंश तुम चलाओगी क्यों बेटी की ममता-बेल तेरे हृदय में सूख गई क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई।
बेटा है भाग्य तो बेटी विधाता बेटा है उत्पत्ति तो बेटी है माता बेटा है गीत तो बेटी संगीत बल है बेटा तो बेटी है जीत बेटी के प्रेम की नैया क्यों भेदभाव में डूब गई क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई।
शब्द है बेटा तो बेटी है अर्थ जाति है बेटा तो बेटी है धर्म दीपक है बेटा तो बेटी है ज्योति हीरा है बेटा तो बेटी है मोती आज संभलने से पहले मां तेरी बेटी टूट गई क्यों तेरे हाथों से मेरी अंगुली छूट गई।