क्या करें कार्तिक स्नान के दिन

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कार्तिक स्नान की पुराणों में बड़ी महिमा कही गई है। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान,व्रत व तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया गया है। 'स्कंदपुराण' के अनुसार कार्तिक मास में किया गया स्नान व व्रत भगवान विष्णु की पूजा के समान कहा गया है। इस दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक पाप और ताप का शमन होता है। इस दिन किए जाने वाले अन्न,धन एव वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन जो भी दान किया जाता हैं उसका कई गुणा लाभ मिलता है। मान्यता यह भी है कि इस दिन व्यक्ति जो कुछ दान करता है वह उसके लिए स्वर्ग में संरक्षित रहता है जो मृत्यु लोक त्यागने के बाद स्वर्ग में उसे प्राप्त होता है। इसके अलावा और क्या-क्या करना चाहिए इस दिन जानिए...

- शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी व सरोवर एवं धर्म स्थान में जैसे,गंगा,यमुना,गोदावरी,नर्मदा,गंडक,कुरूक्षेत्र,अयोध्या,काशी में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

- मान्यता यह भी है कि इस दिन पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में वृषदान यानी बछड़ा दान करने से शिवपद की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति इस दिन उपवास करके भगवान भोलेनाथ का भजन और गुणगान करता है उसे अग्निष्टोम नामक यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

- इस दिन चंद्रोदय पर शिवा,संभूति,संतति,प्रीति,अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं का अवश्य पूजन करना चाहिए।

- इस दिन यमुना जी पर कार्तिक स्नान की समाप्ति करके राधा-कृष्ण का पूजन,दीपदान,शय्यादि का दान तथा ब्राह्मण भोजन कराया चाहिए।

- इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण,चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है।

- इस दिन भेड़ दान करने से ग्रहयोग के कष्टों का नाश होता है। इस दिन कन्यादान से 'संतान व्रत' पूर्ण होता है।

- कार्तिकी पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।

- इस दिन कार्तिक के व्रत धारण करने वालों को ब्राह्मण भोजन,हवन तथा दीपक जलाने का भी विधान है।

- कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि में व्रत करके बैल दान करने से शिव पद प्राप्त होता है।

- गाय,हाथी,घोड़ा,रथ,घी आदि का दान करने से सम्पत्ति बढ़ती है।

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