Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है। कहते हैं कि आदिशक्ति से इस दिन माता का अवतरण हुआ था। माता सरस्वती को वीणा वादिनी और शारदादेवी भी कहते हैं। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत उत्सव के रूप में मनाते हैं। इस बार 2 फरवरी 2025 रविवार के दिन यह उत्सव मनाया जाएगा।ALSO READ: षटतिला एकादशी व्रत करने का क्या है फायदा? जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त:-
प्रथम मुहूर्त: सुबह 07:09 से दोपहर 12:35 तक।
विशेष मुहूर्त: सुबह 09:17: से दोपहर12:35 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:13 से 12:57 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07:09 से मध्यरात्रि 12:52 तक।
सरस्वती पूजा सामग्री:- पीले रंग के वस्त्र, एक लकड़ी की चौकी, चौकी में बिछाने के लिए पीले रंग का कपड़ा, पीले रंग के फूल और माला, सफेद चंदन, रोली, सिंदूर, आम का पत्ता, एक लोटा जल के लिए, एक पान, सुपारी, छोटी इलायची, लौंग, तुलसी दल, हल्दी, बेसन के लड्डू, बूंदी, मोतीचूर के लड्डू, मालपुआ, केसर की खीर, केसर का हलवा कलावा या मौली, घी का दीपक, अगरबत्ती, बसंत पंचमी हवन करना हो तो उसके लिए अलग से सामग्री लाना होगी।
मां सरस्वती की पूजा विधि:
- इस दिन श्री गणेश जी की पूजा के बाद कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करने का नियम है।
- माता सरस्वती की पूजा पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से करनी चाहिए।
- स्नान से निवृत्त होकर स्वच्छ केशरिया, पीले, वासंती या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को साफ करके वहां चावल की एक ढेरी रखें।
- चावल की ढेरी के उपाय पाट या लाल कपड़ा बिछाएं।
- मां सरस्वती के चित्र या मूर्ति को पाट पर विराजमान करें।
- पाट के आगे रंगोली बनाएं।
- फूलों से मां सरस्वती पूजन स्थल का श्रृंगार करें।
- पीले रंग के चावल से ॐ लिखकर पूजन करें।
- मां सरस्वती जी के पूजा के समय यह श्लोक पढ़ें-
ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।। कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।