'उठो, जागो और तब तक न रुको, जब तक कि तुम लक्ष्य पर न पहुंच जाओ'' । 'कामना सागर की भाँति अतृप्त है, ज्यों-ज्यों हम उसकी आवश्यकता पूरी करते हैं, त्यों-त्यों उसका कोलाहल बढ़ता है। जीवन का रहस्य भोग में नहीं है, पर अनुभव के द्वारा शिक्षा प्राप्ति में है।' |
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