रिलायंस को अमेरिका की चेतावनी

बुधवार, 29 अप्रैल 2009 (20:32 IST)
अमेरिकी सांसदों ने भारत की रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा अन्य ऊर्जा कंपनियों से कहा है कि व्यापार के लिए उन्हें अमेरिका या ईरान में से एक को चुनना होगा।

अमेरिका के 25 सांसदों ने इस बारे में एक विधेयक पेश किया है। इनमें से एक सांसद जॉन काइल ने कहा हम जानते हैं कि ये कंपनियाँ कौन सी हैं-शेल विटाल बीपी तथा रिलायंस। हमें उन्हें एक विकल्प देना होगा। आप ईरान की 250 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से या 13000 अरब डॉलर की अमेरिकी अर्थव्यवस्था से कारोबार कर सकते हैं। दोनों के साथ नहीं।

इन सांसदों ने अपने प्रस्तावित विधेयक के जरिये ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा को और अधिकार देने का प्रस्ताव किया है। इस विधेयक में उन कंपनियों को निशाना बनाया गया है, जो ईरान को गैस बेचती हैं या अन्य रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों का कारोबार करती हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रतिनिधि सभा में भी 21 अप्रैल को एक अन्य प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसमें ईरान के बारे में ओबामा प्रशासन के राजनयिक प्रयासों को मजबूत बनाने की बात की गई है।

नए विधेयक के अनुसार अमेरिका विदेशी सरकारों को इसके लिए प्रोत्साहित करे कि वे अपनी सार्वजनिक कंपनियों को ईरान के ऊर्जा क्षेत्र में हर तरह का निवेश तथा उसे रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात रोकने को कहें।

अमेरिका निजी कंपनियों को भी ईरान में हर तरह का निवेश रोकने के लिए कह सकता है। ये दोनों विधेयक संसद की विभिन्न समितियों को भेज दिए गए हैं।

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