हेर्टा म्युलर को साहित्य का नोबेल पुरस्कार

गुरुवार, 8 अक्टूबर 2009 (22:16 IST)
रोमानियाई जर्मन लेखिका हेर्टा म्युलर को वर्ष 2009 के साहित्य के नोबेल सम्मान के लिए चुना गया। निकोलाई चाउसेस्कू के दमन के शासन में उनका बचपन गुजरा और यही उनकी प्रेरणा का मुख्य स्रोत बना।

पारंपरिक रूप से जर्मन भाषी रोमानिया के नबात क्षेत्र में अगस्त 1953 में जन्मी हेर्टा के पिता नाजी एसएस के सदस्य थे। युद्ध के बाद रोमानिया के कम्युनिस्ट अधिकारियों ने हेर्टा म्युलर की माँ को एक श्रमिक शिविर में भेज दिया।

वर्ष 1973 और 1976 के बीच उन्होंने साहित्य में अध्ययन किया। घृणा के पात्र बने चाउसेस्कू की खुफिया पुलिस के लिए काम करने से इनकार करने के बाद उन्हें मशीनरी कारखाने में अनुवादक के पद से बर्खास्त कर दिया गया। यह उनकी पहली नौकरी थी।

यह वह दौर था जब म्युलर ने साहित्य में रमने का मन बनाया लेकिन उन्होंने अपनी पहली किताब ‘नीदेरुंजिन’ को रोमानिया में प्रकाशित करने से इन्कार कर दिया क्योंकि अधिकारियों ने कुछ अंशों को काट छाँट करने का प्रयास किया था।

म्युलर की पांडुलिपि को तस्करी कर पश्चिम जर्मनी ले जाया गया जहाँ जर्मनी की ‘स्पीगेल’ पत्रिका में यह 1984 में प्रकाशित हुई। इस प्रकार साहित्य के क्षेत्र में एक नई खोज की घोषणा हुई।

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