हँसने की बारी!

संक्षिप्त समाचार!
एक प्रेस रिपोर्टर को समाचार बड़े विस्तार के साथ लिखकर भेजने की आदत थी। उसके संपादक ने उसे कहा कि वह समाचार कम से कम शब्दों में लिखकर भेजा करे। अगली बार प्रेस रिपोर्टर ने निम्न समाचार भेजा।
स्थानीय तेल कंपनी के एक कर्मचारी ने माचिस जलाकर यह देखने के लिए पेट्रोल है या नहीं, पेट्रोल की टंकी में झाँका। पेट्रोल था। आयु पच्चीस वर्ष।
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घोर कलयुग!

मुल्ला नसरुद्दीन पर अदालत में मुकदमा था कि उसने गाँव के सबसे सीधे-सादे आदमी को लूट लिया। मजिस्ट्रेट ने कहा कि नसरुद्दीन थोड़ी तो शर्म खाते। तुम्हें गाँव में कोई और लूटने को न मिला। यह सीधा-सादा आदमी, यह जो गाँव का सबसे सीधा-सादा आदमी है, यह एक नमूना है सतयुग का, इसको तुमने लूटा?
नसरुद्दीन ने कहा - मालिक, आप भी क्या बात करते हैं। इसको मैं न लूटूँ, तो किसको लूटूँ? यह भी भर लुट सकता है इस गाँव में, बाकी तो सब पहुँचे हुए लोग हैं। मेरी भी मजबूरी समझो। मैं और किसको लूटूँ? और तो मुझे ही लूट लेंगे। यह एक ही बचा मेरे लिए तो। यह तो मेरे धन्यभाग कि एक सतयुगी भी है, नहीं तो मेरा तो किसी पर उपाय ही न चलेगा।
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हिसाब बराबर!

बनिया और जाट काम से दूसरे गाँव जा रहे थे।
जाट को बनिये के 2000 रुपए चुकाने थे, पर वह टालमटोल करता रहता था। सुनसान रास्ता आया तो सामने से कुछ लुटेरे आते दिखाई पड़े। लुटेरों ने दूर से ही कड़क कर उन्हें ललकारा।
जाट ने जल्दी से अपनी धोती की फेंट में से नोटों की गड्‍डी निकालकर बनिये को थमाते हुए कहा - लाला जी, ये 1800 रुपए सँभाल लो। अब 200 ही रह गए।
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प्रेम में प्रथम!
लल्लू एक लड़की के प्रेम में था। सभी प्रेमी अपने प्रेम की प्रशंसा करते हैं। उस लड़की से कह रहा था कि सुबह उठते ही तेरा नाम लेता हूँ।' तो उस लड़की ने कहा, 'यही तो तुम्हारा छोटा भाई कहता है।'
लल्लू बोला - लेकिन एक बात ख्याल रखना, मैं उससे पहले सोकर उठता हूँ।

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