बाल कविता : परीक्षा आई..

- पंकज कुमार उपाध्या

परीक्षा आई, परीक्षा आई
ये दिन तो अब पढ़ने के भाई

खेलना-कूदना रास न आया
पढ़ने में ही मन लगाया

रोज सबेरे जल्दी उठते
देर रात तक पढ़ते रहते,

अच्छे अंक लाना तुम
अव्वल कहलाना तुम

खूब मिलेगी
तभी बधाई-मिठाई

परीक्षा आई, परीक्षा आई।

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