मोबाइल एप्लिकेशन मार्केट में हैं रोजगार के कई अवसर

ND
विभिन्न प्रकार की एप्लिकेशंस की मौजूदगी ने साल 2010 में मोबाइल फोन की दुनिया बदल कर रख दी। जानकारी प्राप्त करने की उन्नत तकनीक और किसी को भी, कहीं से भी और कहीं भी जानकारी देने या लेने की सुविधा उपलब्ध कराने के कारण ई-बिजनेस में मोबाइल एप्लिकेशंस भारी मांग में आ गए। मोबाइल एप्लिकेशंस कंपनियों का कारोबार चरम पर पहुंच गया क्योंकि मोबाइल एप्लिकेशंस का सरलता से प्रबंधन करने के कारण यह प्रत्येक कारोबार का एक अभिन्न हिस्सा बनने लगा।

मोबाइल उद्योग में एप्लिकेशंस का डिजाइन और डेवलपमेंट एक क्रांति के समान रहा। इसीलिए मोबाइल फोन और एप्लिकेशंस डिजाइन एवं डेवलपमेंट क्षेत्र में कारोबार तथा रोजगार दोनों के बढ़ने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। आईओएस, एंड्रॉयड और अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले एप्लिकेशंस की बढ़ती मांग ने स्मार्ट फोन तथा अन्य स्मार्ट उपकरणों को अगले पायदान पर लाकर खड़ा कर दिया है, जिसकी वजह से अचानक ही कंपनियों को मोबाइल डेवलपमेंट टेलेंट की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रोग्रामिंग कुशलताओं वाले आईटी प्रोफेशनलों के लिए इस ताजा संभावनाओं ने कैरियर को नया आयाम दे दिया है। मांग का अंदाजा कुछ आंकड़ों को देख कर ही लगाया जा सकता है। मार्केट रिसर्च कंपनी आईएचएस के मुताबिक, साल 2010 में एप्पल ने 1.78 अरब डॉलर की एप्लिकेशंस बेचीं और इस साल ग्लोबल मोबाइल एप्लिकेशंस बिक्री का आंकड़ा 4 अरब डॉलर तक दर्ज किया जा सकता है।

सवाल उठता है कि वह कौन है जो यह सभी एप्लिकेशंस को बना रहा है? आईटी जॉब साइट डायस डॉट कॉम द्वारा 'टेक टेलेंट क्रंच' नाम से एक अध्ययन को जारी किया। इस अध्ययन में पाया गया कि साल 2010 की पहली तिमाही की तुलना में 2011 की पहली तिमाही के दौरान एंड्रॉयड डेवलपर्स की जॉब पोस्टिंग 302 फीसदी बढ़ गई। वहीं, आईफोन में यह आंकड़ा 220 फीसदी रहा।

एक अन्य वेबसाइट के मुताबिक, साल 2011 की पहली तिमाही में 4,500 मोबाइल डेवलपर्स को जॉब के लिए पोस्ट किया जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 101 फीसदी से अधिक है। नौकरियों के लिए वेबसाइट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में इस अवधि के दौरान 52 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि कुल बाजार रोजगार में मोबाइल एप्लिकेशंस डेवलपमेंट सेगमेंट की वृद्धि दोगुनी है।

ND
विशेषज्ञोरा
‍'अपना सर्किल डॉट कॉम' के संस्थापक एवं सीईओ योगेश बंसल ने कहा कि एप्लिकेशंस बाजार प्रतिदिन तेज रफ्तार के साथ बढ़ रहा है। एप्लिकेशंस की लोकप्रियता और उत्पाद बढ़ने तथा ज्यादा से ज्यादा टैबलेट एवं स्मार्टफोन का इस्तेमाल होने से एप्लिकेशंस को खरीदने का काम भी बढ़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप इस सेक्टर में रोजगार संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। वर्तमान स्थिति को देखें तो आने वाले दो साल के दौरान एप्लिकेशन बाजार देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हालांकि तेजी से बढ़ता प्रत्येक क्षेत्र अपार संभावनाओं के साथ चुनौतियों का सामना भी करता है।

'ओएलएक्स डॉट इन' के कंट्री मैनेजर अमरजीत बत्रा ने बताया कि भारत में मोबाइल फोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है लेकिन अब भी मोबाइल एप्लिकेशंस का प्रयोग उतना नहीं है। ज्यादातर अच्छे मोबाइल एप्लिकेशंस का डेवलपमेंट एवं डिजाइन भारत से बाहर ही हो रहा है। उन्होंने बताया कि मोबाइल एप्लिकेशंस डेवलपमेंट कंपनियों को मोबाइल हैंडसेट कंपनियों के साथ कारोबार का ज्यादातर हिस्सा बांटना पड़ता है।

अमरजीत ने कहा कि हालांकि, इस क्षेत्र को बढ़ावा देने की पुरजोर कोशिश जारी है। उन्होंने बताया कि ओएलएक्स ने साल 2010 में आईफोन के लिए मोबाइल एप्लिकेशन प्लेटफार्म तैयार किया था और अब हमारे पास एंड्रॉयड के लिए भी मोबाइल एप्लिकेशंस मौजूद हैं। अमरजीत ने बताया कि सभी उपकरणों के लिए ओएलएक्स के जरिए मुफ्त में एप्लिकेशंस डाउनलोड किया जा सकता है एवं उनका इस्तेमाल किया जा सकता हैं। यहां आप कुछ मिनटों में ही अपना कोई भी विज्ञापन अपलोड कर सकते हैं एवं उसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, गूगल मैप के जरिए आप किसी भी स्थान पर खड़े होकर किसी भी ब्रांड, शोरूम आदि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि ओएलएक्स में एक फिल्टर सर्च का विकल्प भी मौजूद है जहां आप अपनी सुविधा के हिसाब से जगह, नाम आदि को डालकर अपने मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए देख एवं उसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं। योगेश बंसल ने बताया कि अपना सर्किल से अक्टूबर 2011 में एपीएल प्लेटफार्म को शुरू किया था। अपना सर्किल एपीएल एप्लिकेशन डेवलपर्स के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहां कोई भी इसका इस्तेमाल कर सीधे तौर पर डेवलपर्स के उन्नत कार्यों को जान, देख एवं इस्तेमाल कर सकता है।

वेबदुनिया पर पढ़ें