एलआईसी आलोचना के घेरे में

रविवार, 6 सितम्बर 2009 (17:58 IST)
भारतीय जीवन बीमा निगम अपने ग्राहकों को पॉलिसी जारी करते समय इसकी शर्तों की व्याख्या नहीं करने और पॉलिसी धारक के हितों की ओर ‘कम ध्यान’ देने के चलते राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग की आलोचना के घेरे में आ गया है।

आयोग ने बीमा एजेंट द्वारा कंपनी के लिए ज्यादा पॉलिसी हासिल करके जल्दी पैसा कमाने में अधिक रुचि दिखाने और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखे बिना अधिक से अधिक प्रीमियम राशि इकट्ठा करने के रवैये की आलोचना की।

आरके बट्टा और पीडी शेनाय की सदस्यता वाले आयोग ने एलआईसी की एक याचिका को खारिज करते समय कहा कि जल्दी पैसा कमाने के लिए बीमा एजेंट ज्यादा से ज्यादा प्रीमियम इकट्ठा करने की कोशिश करते हैं। वे उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण की तरफ कम ध्यान देते हैं।

आयोग के समक्ष एक मामला आया, जिसमें एजेंट द्वारा पॉलिसी धारक को पॉलिसी की शर्त नहीं बताने के दावे को एलआईसी ने खारिज कर दिया था। बाद में इसे एक ‘कवर नोट’ के जरिये जारी किया गया था और इसमें यह शामिल था।

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