क्यों लुढ़के शेयर बाजार?

गुरुवार, 18 नवंबर 2010 (11:20 IST)
समूची दुनिया के शेयर बाजारों में भारी गिरावट तथा वैश्विक आर्थिक मंदी के फिर से सिर उठाने का सबब बन रहे आयरलैंड के ऋण संकट से निबटने के लिए यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष मिलकर प्रयास करेंगे।

आयरलैंड के ऋण संकट के कारण कल भारत समेत पूरी दुनिया के शेयर बाजारों में कोहराम मचा। बाजारों में मंदी का ऐसा तूफान आया कि तकरीबन सभी प्रमुख सूचकांक 2 से 4 फीसदी गिरावट में दिखे। चीन का शंघाई कंपोजिट 4 फीसदी लुढ़क गया।

यूरो क्षेत्र के वित्त मंत्रियों ने आज ब्रुसेल्स में हुयी बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि यदि आयरलैंड सरकार मदद की अपील करती है तो उस स्थिति में यूरो क्षेत्र के केन्द्रीय बैंकों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रतिनिधि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेंगे।

यूरोपीय यूनियन के आर्थिक और मौद्रिक मामलों के आयुक्त ओली रेहान ने कहा कि यह तैयारियाँ आयरलैंड को ऋण संकट से उबारने के प्रयासों में तेजी लाने के लिए की जा रही हैं। यूरो क्षेत्र के सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित सहायता योजना सिर्फ बैंकिंग तंत्र को ही नहीं बल्कि आयरलैंड के समूचे हालत को सुधारने के इरादे से बनाई जा रही है।

आयरलैंड सरकार ने साफ कहा है कि वह अपने बैंको को रिण संकट से उबारने के लिए कोई राहत पैकेज नहीं देगी अगर बैंको को मदद चाहिए तो वह बाहर से माँगे। लेकिन आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव में सरकार राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है।

आयरलैंड सरकार बाहरी मदद माँगने के पक्ष में इसलिए नहीं है क्योंकि ऐसी मदद के साथ कुछ सख्त शर्तें भी आती हैं जिससे सत्ता पर सरकार की पकड़ कमजोर हो सकती है। सरकार ने इस स्थिति में बैंकों के लिए बाहरी मदद का रास्ता खुला रखना बेहतर समझा है।

आयरलैंड के वित्त मंत्री ब्रायन लेनिहम ने कहा कि आयरलैंड के बैंकिंग तंत्र के लिए किसी भी बाहरी मदद का हम स्वागत करेंगे। (भाषा)

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