आपस में निपटे सेबी, इरडा-चावला

शनिवार, 10 अप्रैल 2010 (23:15 IST)
PIB
यूलिप योजनाओं पर बीमा और शेयर बाजार नियामकों के बीच रस्साकशी से अपने को अलग रखते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि इस विवाद सेबी और इरडा को ही हल करना है।

उल्लेखनीय है कि शेयर बाजार नियामक सेबी ने यूलिप योजनाओं को एक प्रकार से म्यूचुअल फंड जैसा कारोबार बताते हुए बीमा कंपनियों को बिना पंजीकरण के यूलिप में पैसा जुटाने से रोक दिया है। कल देर रात जारी सेबी के इस निर्णय से बीमा क्षेत्र की 14 प्रमुख कंपनियाँ प्रभावित होंगी।

केंद्रीय वित्त सचिव अशोक चावला ने कहा कि यह मामला दोनों विनियामकों के बीच का है और उन्हें ही इस पर फैसना करना होगा।

उल्लेखनीय है कि यूलिप योजनाओं के विनियमन को लेकर सेबी का बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण इरडा से लंबे समय से विवाद चल रहा है।

सेबी ने बीमा कंपनियों को उनकी यूलिप योजनाओं के लिए नोटिस भेजे थे, जिसमें कहा गया था कि ऐसी योजनाओं के लिए उससे अनुमति क्यों नहीं ली गई।

समझा जाता है कि इस संदर्भ में इरडा ने सेबी को लिखा था कि वह उसके के इस तर्क से सहमत नहीं है कि यूलिप योजनाएं जारी करने वाली बीमा कंपनियों को शेयर बाजार नियामक से पंजीकरण का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत है।

इरडा का कहना है कि यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के विनियमन के लिए बाकायदा प्रावधान कर रखा है। यह मामला विभिन्न क्षेत्रों के नियामकों के बीच समन्वय करने वाले मंच, उच्चस्तरीय समन्वय समिति में भी उठा था और कहा गया था कि दोनों नियामक सेबी और इरडा को आपस में ही इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए। (भाषा)

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