उम्मीदों की फसल पर ओलों की आशंका

गुरुवार, 9 अप्रैल 2009 (12:00 IST)
दिल्ली में बुधवार की सुबह से ही बादलवाही और रिमझिम होती रही। चैत्र के महीने में आमतौर पर ऐसा नहीं होता है। मौसम में आया यह बदलाव विशेषकर उत्तर भारत के किसानों की पेशानी पर चिंता की लकीरें उकेर रहा है। इस समय किसी भी तरह की बारिश ओलावृष्टि या आँधी रबी की फसल को नुकसान पहुँचा सकती है।

उत्तरी भारत में बूँदाबाँदी आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। यही नहीं कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है। उतरता चैत्र तथा वैशाख महीना रबी की कटाई का है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित पूरे उत्तरी भारत में इस समय गेहूँ, जौ, चने, सरसों की कटाई या उसे निकालने का काम जोर-शोर से चल रहा है।

खेती के जानकारों का कहना है कि अच्छी धूप और कम नमी वाला मौसम इस समय जरूरी है। यह अच्छी फसल तथा उसे खेतों से सुरक्षित मंडियों या घरों तक पहुँचाने के लिए जरूरी है। यह अलग बात है कि पिछले कुछ दिनों से मौसम काफी बदला हुआ है। बादलवाही बूँदाबाँदी तो आम हो गई है। किसान चिंतित हैं।

दिल्ली में मौसम विभाग के प्रवक्ता ने इसे सामान्य प्रक्रिया करार दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण ऐसा होता है। आमतौर पर यह मार्च से ही शुरू हो जाता है, इस बार तो अप्रैल में हुआ है।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश के कई हिस्सों में मामूली या ठीकठाक बारिश हो रही है। यह क्रम आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। इनमें से कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है।

बदलते मौसम में किसानों को सलाह यही है कि वे अपनी फसलों को जितना जल्दी हो सके, सहेज लें, सुरक्षित कर लें।

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