एकतरफा है ट्राई की रिपोर्ट: मित्तल

गुरुवार, 8 जुलाई 2010 (18:17 IST)
दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने स्पेक्ट्रम शुल्क पर दूरसंचार नियामक की सिफारिशों को एकतरफा बताया है। कंपनी ने कहा है कि ट्राई ने 6.2 मेगाहट्र्ज से अतिरिक्त के स्पेक्ट्रम के लिए जो एकमुश्त अतिरिक्त शुल्क वसूलने की सिफारिश की है, वह उस पर लागू नहीं होती।

भारती समूह के प्रमुख सुनील मित्तल ने कहा कि पुराने ऑपरेटरों को भी बाजार में समान अवसर मिलना चाहिए। हमारा मानना है कि हमें और अन्य ऑपरेटरों को समय-समय पर जो स्पेक्ट्रम मिला है, वह नीति के तहत है। उस पर अतिरिक्त भुगतान का सवाल ही पैदा नहीं होता।

ट्राई ने सुझाव दिया है कि ऑपरेटरों से 6.2 मेगाहट्र्ज से अधिक के स्पेक्ट्रम के लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाना चाहिए। शुल्क की राशि 3जी स्पेक्ट्रम के नीलामी मूल्य के हिसाब से होनी चाहिए।

मित्तल ने कहा कि भारती कई सालों से अतिरिक्त स्पेक्ट्रम के लिए अधिक स्पेक्ट्रम शुल्क का भुगतान कर रही है। ऐसे में कंपनी के पास मौजूद किसी भी स्पेक्ट्रम के लिए अतिरिक्त शुल्क लेने का कोई आधार नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस मसले को प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के साथ उठाएँगे, मित्तल ने कहा कि हमने इस बारे में नियामक और दूरसंचार मंत्री को लिखा है। इस तरह की भी खबरें हैं कि इस मसले को अधिकार प्राप्त मंत्री समूह को सौंपा जा रहा है।

सुनील मित्तल ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में न्याय होगा। मित्तल ने नियामक के इस सुझाव को भी खारिज कर दिया कि पुराने लाइसेंस के नवीकरण के लिए आने पर ऑपरेटरों को अगले 20 साल की लाइसेंस अवधि के लिए 2जी स्पेक्ट्रम के लिए नई कीमत चुकानी चाहिए।

भारती के ज्यादातर लाइसेंसों की अवधि अगले दो-तीन साल में खत्म हो रही है। ऐसे में कंपनी को लाइसेंस नवीकरण के लिए 15000 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि खर्च करनी पड़ सकती है। जबकि नए ऑपरेटरों को यही स्पेक्ट्रम एक साल पहले 1650 करोड़ रुपए में दिया गया था।

मित्तल ने कहा कि ट्राई ने एकतरफा स्थिति पैदा कर दी है। कुछ ऑपरेटर जिन्हें स्पेक्ट्रम मिला है, वे अगले 20 साल तक इसका काफी निचली दर पर इस्तेमाल करेंगे। वहीं यदि ट्राई की सिफारिशें मान ली जाती हैं, तो हम जैसे कुछ ऑपरेटरों को काफी ऊँची कीमत चुकानी होगी।

उन्होंने कहा कि कंपनी सरकार की नवीकरण नीति का इंतजार कर रही है। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूँ कि इस बारे में जो भी फैसला हो, सभी ऑपरेटरों को बराबरी का अवसर मिलना चाहिए। (भाषा)

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