तेल कंपनियों को 14,000 करोड़

गुरुवार, 6 मई 2010 (16:47 IST)
सरकार इंडियन आयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को घरेलू एलपीजी और राशन के मिट्टी तेल की बिक्री पर हुए भारी घाटे की भरपाई के लिए 14,000 करोड रुपए की अतिरिक्त राशि देने पर राजी हो गई है।

इन तीन कंपनियों को वर्ष 2009-10 में लागत से कम मूल्य पर एलपीजी एवं केरोसिन बेचने से 31,621 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। वित्त मंत्रालय पहले ही इसमें 12,000 करोड़ रुपये नकद जारी कर चुका है और अब आज 14,000 करोड़ रुपए और देने के लिए राजी हो गया।

पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने आज कहा ‘हमने नुकसान की भरपाई के लिए 19,620 करोड़ रुपये की माँग की थी, लेकिन वित्त मंत्रालय 14,000 करोड़ रुपए देने पर राजी हुआ है।’

उल्लेखनीय है कि पेट्रोलियम सचिव एस. सुंदरेशन ने आज सुबह व्यय सचिव सुषमा नाथ से मुलाकात कर 19,620. 95 करोड़ की क्षतिपूर्ति भरपाई की माँग की थी। सार्वजनिक क्षेत्र की तीनों कंपनियों को 2009-10 में रसोई गैस और केरोसिन की आयात लागत से कम दाम पर बिक्री से 46,051 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल पर हुए 14,430 करोड रुपए के नुकसान की पूरी भरपाई ओएनजीसी और आयल इंडिया लिमिटेड कर रही है।

तीनों मार्केटिंग कंपनियों को अब भी चारों पेट्रोलियम उत्पादों ‘पेट्रोल, डीजल, घरेलू रसोई गैस और राशन के मिट्टी तेल’ की बिक्री पर रोजाना 272. 5 करोड रुपए का नुकसान हो रहा है। इस लिहाज से चालू वित्त वर्ष 2010-11 में उन्हें कुल मिलाकर 90,150 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।

ये कंपनियाँ सरकार द्वारा तय दामों पर पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री कर रही हैं। एक लीटर पेट्रोल की बिक्री पर उन्हें 6. 25 रुपए, डीजल पर 6. 25 रुपए, राशन के मिट्टी तेल पर 19. 74 रुपए और रसोई गैस सिलेंडर पर 254. 37 रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। (भाषा)

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