देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक ने कहा कि ऋण की माँग में इजाफा होने से अगले छह महीनों में ब्याज दरों में वृद्धि हो सकती है।
बैंक के प्रमुख ओपी भट्ट ने कहा कि इस वर्ष की दूसरी छमाही में व्यावसायिक गतिविधियाँ बढ़ने की उम्मीद है जिसके कारण ऋण की माँग में इजाफा हो होगा और ब्याज दरें बढ़ जाएँगी।
उन्होंने कहा कि अगले छह महीनों में ऋण की माँग बढ़ेगी और ये ऋण उपलब्घ करा दिए जाएँगे। इससे या तो ब्याज दरों में स्थिरता आएगी या इनमें इजाफा होगा।
भट्ट ने कहा, 'अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियाँ बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन इसका असर बैंकों पर नहीं दिख रहा है। मुझे लगता है कि बैकों तक इसका प्रभाव आने कुछ समय लगेगा।'
देश की अर्थव्यवस्था को मंदी से उभारने के लिए रिजर्व बैंक पिछले वर्ष अक्टूबर के बाद से अपनी प्रमुख ब्याज दरों में सवा चार प्रतिशत तक की कटौती कर चुका है लेकिन बैंकों ने इसके जवाब में डेढ़ से दो प्रतिशत की ही कटौती की है।
भट्ट अन्य बैंक प्रमुखों के साथ रिजर्व बैंक के गवर्नर डी. सुब्बाराव से मुलाकात करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। बैंकों के प्रमुखों ने रिजर्व बैंक की 28 जुलाई को जारी होने वाली त्रैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा के मद्देनजर सुब्बाराव से मुलाकात की थी।