राजकोषीय घाटे में आएगी गिरावट

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010 (09:22 IST)
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा पूर्व में लगाए गए 6.8 प्रतिशत से कम होकर 6.5 फीसद रह जाएगा। सरकार द्वारा नए आधार वर्ष के आधार पर जीडीपी के नए अनुमान पेश किए हैं, उनसे प्राप्त आँकड़े के हिसाब से राजकोषीय घाटा कम होगा।

आधार वर्ष को संशोधित कर 2004-05 किए जाने के बाद 2009-10 के लिए सकल घरेलू उत्पाद का बाजार मूल्य अनुमानत: 61,64,178 करोड़ रुपए पर पहुँच गया है, जबकि बजट पेश किए जाने के समय यह 58,56,569 करोड़ रुपए आँका गया था। जिस समय बजट पेश किया गया था, उस समय राष्ट्रीय आय की गणना का आधार वर्ष 1999-2000 था।

सरकार ने जीडीपी के जो अग्रिम अनुमान जारी किए हैं, वे नई श्रृंखला के आधार पर हैं। अग्रिम जीडीपी अनुमान से सरकार को कई आँकड़ों मसलन राजकोषीय घाटे की गणना करने में मदद मिलती है।

वर्ष 2009-10 के बजट में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 प्रतिशत यानी 4,00,996 करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया था। अगर इसे नए आधार वर्ष के हिसाब से देखा जाए तो यह जीडीपी का 6.5 प्रतिशत बैठता है। (भाषा)

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