हरियाणा में गेहूँ की रिकॉर्ड खरीदी

शनिवार, 25 अप्रैल 2009 (18:25 IST)
केन्द्र सरकार की हरियाणा में गेहूँ खरीद चालू विपणन सत्र के पहले महीने में पिछले वर्ष के स्तर को लांघ कर 57.33 लाख टन हो गया है जो गत वर्ष से 9.46 प्रतिशत ज्यादा है।

इसका अधिकांश श्रेय कीमतों में अंतर होने के कारण पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से खाद्यान्न का स्थानांतरित किया जाना है। सरकारी आँकड़ों के अनुसार सरकारी एजेंसियों ने पिछले वर्ष कुल 52.36 लाख टन गेहूँ खरीद था।

केन्द्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया हरियाणा में गेहूँ की खरीद में तेजी का कारण उत्तर प्रदेश में खरीद की प्रक्रिया का विकेन्द्रीकरण किया जाना है। परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे अधिकांश किसानों ने हरियाणा में खाद्यान्न की बिक्री की।

इस बीच हरियाणा के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने निर्देश जारी किया है कि उत्तर प्रदेश से सस्ते कीमत पर खरीद और उसे हरियाणा में बेचने की प्रक्रिया पर अंकुश लगाया जाए।

हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के संयुक्त नियंत्रक एसके गर्ग ने कहा कि कमीशन ऐजेंट उत्तर प्रदेश के किसानों से सस्ते दरों पर गेहूँ खरीद रहे हैं और बाद में उसे हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1080 रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर बेच रहे हैं।

अधिकारी ने कहा कि चूँकि उत्तर प्रदेश में कीमतें 930 रुपए से 950 रुपए प्रति क्विंटल के बीच हैं इसलिए राज्य की एजेंसियों द्वारा कम खरीद के कारण बड़ी संख्या में कमीशन ऐजेंट उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से गेहूँ खरीद रहे हैं और हरियाणा में एमएसपी के दामों पर उसे बेच रहे हैं। इन कमीशन ऐजेंटों को सभी खर्चो को काटकर प्रति क्विंटल 80 से 90 रुपये का फायदा हो रहा है।

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