पश्चिम बंगाल के खेलमंत्री सुभाष चक्रवर्ती ने एस्सेल समूह द्वारा गठित इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) को मैदान मुहैया कराने समेत राज्य में हरेक तरह की मदद देने की घोषणा करके भारतीय क्रिकेट जगत में जारी वर्चस्व की लडाई को एक नया मोड़ दे दिया है।
चक्रवर्ती ने कहा कि आईसीएल के प्रति भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का रूख 'हठधर्मितापूर्ण' है। उन्होंने कहा मुझे लगता है कि आईसीएल का गठन देश में क्रिकेट के विकास और विस्तार के लिए हुआ है। इस खेल के विकास के लिए बने किसी भी मंच को समर्थन की जरूरत है और मुझसे उसे यह समर्थन मिलेगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या आईसीएल ने उनसे इस संदर्भ में संपर्क किया है? उन्होंने कहा कि किसी ने भी मुझसे संपर्क नहीं किया है। मुझसे किसी ने पूछा था कि क्या मैं आईसीएल को समर्थन दूँगा तो मैंने कहा कि ऐसा न करने के पीछे कोई कारण नहीं है। अगर पहले एक हजार लोग क्रिकेट खेल रहे थे तो अब तीन हजार लोग खेलेंगे।
आईसीएल में खेलने की अनुमति नहीं देने के बोर्ड के फैसले के बारे में उन्होंने कहा कि ऐसा करके बीसीसीआई तकनीकी तौर पर देश में इस खेल के विकास में बाधक बन रहा है। अगर उन लोगों ने मुझसे संपर्क किया तो उन्हें मुझसे पूरी मदद मिलेगी।
जब उनसे पूछा गया कि क्या दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित मैदानों में शुमार किए जाने ईडन गार्डन्स में भी आईसीएल के ट्वंटी-20 टूर्नामेंट को खेलने की मंजूरी दी जा सकती है?
चक्रवर्ती ने कहा कि इसकी देखरेख का जिम्मा राज्य सरकार और सेना के पास संयुक्त रूप से है। देखते हैं कि भविष्य में क्या होता है। फिलहाल तो स्थिति यही है कि पश्चिम बंगाल के क्रिकेट मैदान आईसीएल के लिए खुले हैं।
खेलमंत्री ने आईसीएल काय्रकारी बोर्ड के चेयरमैन बनाए गए पूर्व कप्तान कपिल देव को बंगलोर स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के चेयरमैन पद से हटाने के बोर्ड के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे काफी दुर्भाग्यपूर्ण बताया।