देश के सबसे सफल गेंदबाज अनिल कुंबले अपनी कप्तानी का सफर अपने भाग्यशाली मैदान फिरोजशाह कोटला से शुरू करेंगे, जहाँ उन्होंने आठ वर्ष पहले पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में सभी दस विकेट लेकर नया इतिहास रचा था।
लेग स्पिनर कुंबले पाकिस्तान के खिलाफ 22 नवम्बर से दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में होने वाले पहले क्रिकेट टेस्ट से अपनी कप्तानी का सफर शुरू करेंगे।
जिस तरह कुंबले की तेज गुगली अधिकतर बल्लेबाजों की समझ में नहीं आती है, उसी तरह 37 वर्षीय कुंबले का कप्तानी की दौड़ में कूदना और फिर उनका भारत का 30वाँ टेस्ट कप्तान बनना भी एक गुगली से कम नहीं रहा1
वैसे कुंबले के अंदर लम्बे समय से यह इच्छा रही थी कि वह भारत के कप्तान बनें। कई बार उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपना यह दर्द जाहिर किया था कि मैच विजेता गेंदबाज होने के बावजूद उन्हें वह प्रसिद्धी नहीं मिल पाई, जो टीम के बल्लेबाजों को मिल गई।
भारत को अकेले अपने दम अनेक यादगार जीत दिलाने वाले कुंबले अपने कॅरियर में हमेशा एक 'लो-प्रोफाइल' खिलाड़ी रहे। खिलाड़ियों के हितों को उठाने में सबसे आगे रहने के बावजूद वह कभी किसी तरह के विवाद में शामिल नहीं रहे।
कुंबले संभवत: दुनिया के पहले ऐसे क्रिकेटर होंगे, जिन्हें 118 टेस्ट खेलने के बाद देश की कप्तानी संभालने का मौका मिला है। वह अपने राज्य के राहुल द्रविड़ का स्थान संभालेंगे, जिन्होंने दिसम्बर में इंग्लैंड के सफल दौरे के बावजूद टेस्ट और एक दिवसीय दोनों टीमों की कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था।
पिछले 25 वर्षों में यह दूसरा मौका है, जब कोई गेंदबाज भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी संभालेगा। कपिल देव के बाद कप्तानी संभालने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन, सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ सभी बल्लेबाज रहे हैं।
इस समय भारतीय टीम केसबसे बुजुर्ग सदस्य कुंबले टेस्ट इतिहास में ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न (145 टेस्ट, 708 विकेट) और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (114 टेस्ट, 702 विकेट) के बाद तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। वह 118 टेस्टों में 28.73 के औसत से 566 विकेट ले चुके हैं।
कुंबले ने इस वर्ष वेस्टइंडीज में मार्च-अप्रैल में हुए विश्व कप के बाद एकदिवसीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। कुंबले वनडे में भी भारत के सबसे सफल गेंदबाज हैं। एकदिवसीय क्रिकेट में उन्होंने 271 मैचों में 30.89 के औसत से 337 विकेट लिए हैं।