भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी ने कहा कि यदि भारत को न्यूजीलैंड में 40 साल बाद पहली टेस्ट श्रृंखला जीतनी है तो उसके लिए बेहतर रणनीति और उसको सही तरह से अमल में लाना जरूरी होगा।
धोनी ने टीम के न्यूजीलैंड रवाना होने से पहले कहा कि यह कड़ा दौरा होगा लेकिन प्रत्येक स्थान की अपनी चुनौतियाँ होती हैं। विदेशी खिलाड़ी यहाँ आते हैं तथा स्पिन और उछाल के सामने उन्हें संघर्ष करना पड़ता है। हमें अच्छी तरह से रणनीति तैयार करनी होगी और उसे उतने ही बेहतर तरीके से अमल में लाना होगा। इसके बाद परिणाम हमें खुद ही मिलेंगे।
कोच गैरी कर्स्टन ने भी भारत की तुलना में बिलकुल अलग तरह की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने की टीम की क्षमता पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि हमारी टीम बल्लेबाजी, तेज और स्पिन गेंदबाजी में बहुत संतुलित है। हम किसी भी तरह की परिस्थिति में खेलने में सक्षम हैं। परिस्थितियाँ पूरी तरह से अलग होंगी और मौसम भी ठंडा होगा तथा कुछ बारिश भी हो सकती है, लेकिन हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो इस तरह की परिस्थितियों से पार पाने में सक्षम हैं।
भारत ने 1967-68 में मंसूर अली खाँ पटौदी की अगुवाई वाली टीम की 3-1 से विजय के बाद न्यूजीलैंड में कभी टेस्ट श्रृंखला नहीं जीती। भारतीय टीम 47 दिन के दौरे पर जाएगी, जिसमें पहले दो ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच होंगे। उसके बाद पाँच एकदिवसीय और तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेली जाएगी।
कर्स्टन 25 फरवरी को होने वाले पहले ट्वेंटी-20 मैच से पूर्व अभ्यास मैच न होने से भी चिंतित नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि टीम को मुकाबले से पहले चार दिन के अभ्यास का समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि टीम को न्यूजीलैंड पहुँचने तथा वहाँ की विकेट और परिस्थितियों को जानने तक इंतजार करना होगा।
उन्होंने कहा कि मुझे न्यूजीलैंड में दो अलग-अलग परिस्थितियों का अनुभव है। जब भारतीय टीम वहाँ गई थी तो तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी, लेकिन जब वेस्टइंडीज की टीम हाल में वहाँ खेली तो विकेट सपाट था। हमें इंतजार करना होगा।
धोनी ने न्यूजीलैंड के कप्तान डेनियल विटोरी के इस बयान को अधिक तवज्जो नहीं दी कि कीवी टीम धोनी और वीरेंद्र सहवाग की आक्रामक बल्लेबाजी को लेकर डरी हुई है क्योंकि वहाँ के मैदान छोटे हैं।
उन्होंने कहा कि दूसरे क्या कहते हैं मैं उसकी चिंता नहीं करता। हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो दुनिया के किसी भी मैदान पर गेंद को सीमा रेखा पार भेज सकते हैं। केवल मैं या सहवाग या युवराज सिंह या गौतम गंभीर ही ऐसे नहीं हैं। न्यूजीलैंड को पूरी टीम को लेकर चिंता करनी चाहिए।
धोनी ने कहा कि टीम नंबर वन की कुर्सी को लेकर चिंतित नहीं है और अपनी लय बरकरार रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि टीम के तौर पर हम नंबर एक बनने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं। यदि हम निरंतर अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो रैंकिंग में खुद ही सुधार होगा। भारत अभी टेस्ट और एकदिवसीय दोनों में तीसरे नंबर पर है।