इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयुक्त ललित मोदी की विदाई तय हो गई है। लीग के फाइनल मैच के बाद बीसीसीआई उनसे कभी भी इस्तीफा ले सकता है।
मीडिया रिपोर्टों में आज कहा गया है कि आयकर विभाग के कसते शिकंजे और सरकार द्वारा आईपीएल के खिलाफ जाँच की औपचारिक घोषणा के बाद बोर्ड 'बैकफुट' पर है। उस पर लगातार यह दबाव बढ़ रहा है कि वह जल्द से जल्द मोदी को चलता करे।
बीसीसीआई के सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग, सीबीडीटी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आईपीएल के वित्तीय लेनदेन को लेकर की जा रही गहन छानबीन ने मोदी के खिलाफ माहौल खड़ा कर दिया है। ऐसी सूरत में उनका आयुक्त पद पर बने रहना लीग के साथ-साथ बीसीसीआई की छवि के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रहा है।
संसद में वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा आईपीएल के आय स्रोत और उसके निर्गम की जाँच के ऐलान से भी बोर्ड सकते में है। खबरों के मुताबिक बीसीसीआई आगामी 26 अप्रैल को होने वाली अपनी गवर्निंग काउंसिल की बैठक से पहले मोदी का इस्तीफा चाहता है। उसकी कोशिश है कि सरकार की जाँच के नतीजे सामने आने से पहले ही मोदी की विदाई की जाए।
संभावना है कि 25 अप्रैल को आईपीएल का फाइनल मैच होने के बाद मोदी को कभी भी पदच्युत कर दिया जाए। हालाँकि कुछ सूत्रों की मानें तो फाइनल से पहले भी मोदी जा सकते हैं, लेकिन इस बात की गुंजाइश कम है।
मोदी खुद दें इस्तीफा : मोदी का कार्यकाल 2012 में पूरा हो रहा है। ऐसे में उन्हें हटाने के लिए बीसीसीआई की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव लाना पड़ेगा। प्रस्ताव के दो तिहाई बहुमत से पारित होने के बाद ही मोदी हटाए जा सकते हैं। जाहिर है, इसमें लंबा वक्त लगेगा। यही वजह है कि बोर्ड चाहता है कि मोदी खुद अपने पद से इस्तीफा दें। इससे मोदी की इज्जत भी रह जाएगी और बोर्ड भी फजीहत से बच जाएगा।
पवार ने भी किया किनारा : मोदी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ने की वजह बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार की मोदी से बढ़ती दूरियाँ भी हैं। उल्लेखनीय है कि कोच्चि टीम का विवाद सामने आने पर पहले-पहल पवार ने मोदी का पक्ष लेते हुए उनके खुलासे को सही ठहराया था। ..लेकिन अब पवार ने भी उनसे किनारा कर लिया है। इससे बोर्ड के बाकी सदस्यों की माँग को बल मिला है, क्योंकि बीसीसीआई के अधिकांश सदस्य मोदी के खिलाफ हैं।
शशांक मनोहर संभालेंगे कमान: मोदी को हटाने के बाद आईपीएल की कमान बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर संभालेंगे। लीग के गठन के बाद से उसकी सारी वित्तीय और प्रशासनिक जिम्मेदारियों का सर्वेसर्वा कमिश्नर ही होता था। अब इस पद को खत्म कर लीग के समूचे अधिकार बोर्ड चेयरमैन के अधीन लाने की संभावना है।
बोली प्रक्रिया में गड़बड़ी : इस बीच खबरें हैं कि प्रवर्तन निदेशालय ने आईपीएल की बोली प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंका के चलते जाँच शुरू कर दी है। द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएल-3 की बोली प्रकिया के दौरान पहले राउंड में वीडियोकॉन और अडानी ग्रुप के लिए नीलामी में कुछ शर्तें जोड़ दी गईं। लेकिन बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर की आपत्ति के बाद दूसरे राउंड में इन्हें हटा लिया गया। इन दोनों समूहों की बोली से जुड़े कागजात भी लीग ने निदेशालय को उपलब्ध नहीं करवाए हैं।
मोदी को सुब्रत राय का 'सहारा' : उधर, सहारा इंडिया परिवार के सुब्रत राय ने मोदी का समर्थन किया है। राय के मुताबिक आईपीएल की सफलता में मोदी का बहुत बड़ा योगदान है। (वेबदुनिया न्यूज)