सम्मोहन नहीं शादी!

बेटा - माँ, ये तो बताओ की सम्मोहन याने क्या होता है।
पत्नी - अरे बेटा , जब किसी को अपने वश में कर के उससे पूरे और मनचाहे काम करवा लिया जाए तो उसे सम्मोहन कहते हैं।
पति (एक आह भरते हुए) - नहीं बेटा ....उसे तो शादी कहते हैं।

पत्नी : सुनो जी,मैंने तुम्हारे लिए ये गाजर का हलवा बहुत ही मेहनत से बनाया है।
पति : हाँ जी, और मैंने उसे खाया भी बहुत मेहनत से ही है।

पहला दोस्त : यार , ज़िन्दगी में शादी , बहुत जरुरी है
दूसरा दोस्त : क्यों..?
पहला दोस्त : क्योंकि , ज़िन्दगी में खुशियाँ ही सब कुछ नहीं होती .. गम भी बहुत जरूरी है।

शादी की रात बेटी और दामाद की लडाई की आवाजों से माँ बहुत चिंतित हुई। दूसरे दिन जब बेटी रो रही थी, तो माँ ने समझाया।
माँ : रो मत बेटी, ये तो हर घर में होता है। पति और पत्नी लड़ते ही रहते हैं, ये हर घर की बात है, रो मत।
बेटी : वो सब तो ठीक है माँ, लेकिन अब मैं उसकी लाश का क्या करूं।

पति : यार, कल बीवी से बहुत झगड़ा हुआ।
दोस्त : किस बात पर।
पति : वो कहती थी फिल्म ले चलो, मैंने कहा कि मुझे आराम करना है।
दोस्त : फिर?
पति : तुझे तो मालूम है न, मैं कितने गुस्से वाला आदमी हूँ।
दोस्त : अच्छा, ये बता साले, की फिल्म कैसे लगी।

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