पुलिस बनेगी एड्स रोगियों का सहारा

रविवार, 22 फ़रवरी 2009 (10:47 IST)
मध्यप्रदेश पुलिस अब एड्स और एचआईवी रोगियों के लिए भी सहारा बनेगी। समाज और परिवार से उपेक्षित ऐसे रोगियों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पुलिस इनका बहिष्कार करने वालों पर एफआईआर भी दर्ज करेगी।

यह 'एड्स रोको, मरीजों के साथ भेदभाव न करो' अभियान का हिस्सा होगा। इसके लिए आईजी डॉ. बी. मारिया कुमार स्टेट नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। वे एड्स नियंत्रण सोसायटी और डॉक्टरों के सहयोग से इस अभियान को अमलीजामा पहनाएँगे।

दरअसल प्रदेश में लगातार बढ़ रही एड्स और एचआईवी मरीजों की संख्या को रोकने के लिए पुलिस विभाग ने भी कमर कस ली है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने सभी जोन आईजी और एसपी को परिपत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि रोगियों को समाज से बहिष्कृत करने और छुआछूत मानने वाले भी मानव अधिकार का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे मामलों की शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करें।

इसके लिए जिले में एएसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। ये अधिकारी अपने जिले के थाना क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों को इस बीमारी से बचाव के बारे में बताएँगे।

प्रदेश में बढ़े एड्स रोगी : वर्ष 1988 में जहाँ प्रदेश में मात्र एक एड्स रोगी था, आज यह संख्या हजारों में है। इस समय राज्य में 2931 एड्स रोगी और 15475 एचआईवी पॉजीटिव के मरीज हैं।

देवास में सबसे अधिक : सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में सबसे अधिक मरीज देवास जिले में हैं। इसके बाद उज्जैन, इंदौर, हरदा, बालाघाट, भोपाल, जबलपुर, मंदसौर और बुरहानपुर जिलों का नंबर आता है। (नईदुनिया)

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