जब मम्मी-पापा हों टू-इन-वन
1. वर्किंग मदर्स कोशिश करें कि ऑफिस की परेशानियों को अपने घर पर न लेकर आएँ। घर में जो समय मिलता है उसे अपने बच्चों के साथ खेलने में, उनसे बातें करने में, होमवर्क में हेल्प करने में, उनकी तमाम बातें सुनने में ही गुजारें। ध्यान रखें कि पिता के साथ न होने पर उन्हें किसी तरह की इनसिक्योरिटी की भावना महसूस न हो।
2. जितना संभव हो सकते अपनी कोई भी बातें, परेशानियाँ अपने बच्चों से न छिपाएँ। उन्हें बता देने में ही आपकी और आपके बच्चे की भलाई है। इससे वो आपकी स्थिति से अवगत हो जाएगा और आपसे बेवजह किसी चीज के लिए जिद नहीं करेगा।
3. हो सके तो उनकी जिद को पूरा करने की कोशिश करें, लेकिन जो सही और जायज हो।
4. किन्हीं भी हालत में उन्हें पिता के वजूद से दूर न करें। पिता की अगर मृ्त्यु हो गई है तो बच्चों के साथ उनकी बातें करें, उनकी कहानियाँ सुनाएँ जिससे बच्चे अपने पिता को पहचान सकें।