FILE |
नागपंचमी के दिन क्या करें-
FILE |
- इस दिन नागदेव के दर्शन अवश्य करना चाहिए।
- बांबी (नागदेव का निवास स्थान) की पूजा करना चाहिए।
- नागदेव को दूध नहीं पिलाना चाहिए। उन पर दूध चढ़ा सकते हैं।
- नागदेव की सुगंधित पुष्प व चंदन से ही पूजा करनी चाहिए क्योंकि नागदेव को सुगंध प्रिय है।
- ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा का जाप करने से सर्प दोष दूर होता है।
अगले पेज पर : नाग पूजन कैसे करें-
नाग पूजन कैसे करें-
FILE |
- अलसुबह उठकर घर की सफाई करके नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएं।
- तपश्चात स्नान कर धुले हुए साफ एवं स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- नाग पूजन के लिए सेंवई-चावल आदि ताजा भोजन बनाएं।
- कुछ भागों में नागपंचमी से एक दिन पहले ही भोजन बना कर रख लिया जाता है और नागपंचमी के दिन बासी (ठंडा) खाना खाया जाता है।
- इसके बाद दीवार पर गेरू पोतकर पूजन का स्थान बनाया जाता है। फिर कच्चे दूध में कोयला घिसकर उससे गेरू पुती दीवार पर घर जैसा बनाते हैं और उसमें अनेक नागदेवों की आकृति बनाते हैं।
- कुछ जगहों पर सोने, चांदी, काठ व मिट्टी की कलम तथा हल्दी व चंदन की स्याही से अथवा गोबर से घर के मुख्य दरवाजे के दोनों बगलों में पांच फन वाले नागदेव अंकित कर पूजते हैं।
- सर्वप्रथम नागों की बांबी में एक कटोरी दूध चढ़ा आते हैं।
- फिर दीवार पर बनाए गए नागदेवता की दही, दूर्वा, कुशा, गंध, अक्षत, पुष्प, जल, कच्चा दूध, रोली और चावल आदि से पूजन कर सेंवई व मिष्ठान से उनका भोग लगाते हैं।
- पश्चात आरती करके कथा का श्रवण किया जाना चाहिए।
समाप्त