एनपीटी पर दस्तखत नहीं करेगा भारत

रविवार, 5 अप्रैल 2009 (18:00 IST)
उत्तर कोरिया द्वारा लंबी दूरी के राकेट का प्रक्षेपण करने की अमेरिका और कुछ अन्य देशों की ओर से निंदा किए जाने के बावजूद भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था (आईएईए) को इस बात का फैसला करना है कि क्या कम्युनिस्ट देश ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया है अथवा नहीं।

विदेशमंत्री प्रणव मुखर्जी ने रविवार को कहा कि अप्रसार के प्रति भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन उसकी परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने की कोई मंशा नहीं है, क्योंकि यह भेदभावपूर्ण और परमाणु हथियार संपन्न देशों के पक्ष में है।

उन्होंने कहा हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि जिन देशों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर किए हैं, उन्हें निश्चित तौर पर संधि के दायित्वों को पूरा करना चाहिए।

मुखर्जी ने कहा कि आईएईए के अतिरिक्त और कोई फैसला नहीं कर सकता कि एनपीटी पर हस्ताक्षर करने वाले देश संधि के तहत अपने दायित्वों को पूरा कर रहे हैं अथवा नहीं।

उन्होंने कहा इस क्षेत्र में आईएईए उचित निगरानी संस्था है। मुखर्जी ने जोर देकर कहा कि भारत अप्रसार के प्रति प्रतिबद्ध है, लेकिन वह एनपीटी पर हस्ताक्षर करने के पक्ष में नहीं है।

उन्होंने कहा अप्रसार के विचार को फैलाने में हम किसी से पीछे नहीं हैं, लेकिन हमने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और न ही हमारी इस पर हस्ताक्षर करने की मंशा है, क्योंकि हम इसके उद्देश्यों से असहमत हैं।

मुखर्जी ने कहा ये संधियाँ परमाणु संपन्न राष्ट्रों और गैर परमाणु संपन्न राष्ट्रों से जिस तरह का भेदभाव करती हैं, उससे हम असहमत हैं।

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