देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच भव्य गणतंत्र दिवस समारोह सेना के तीनों अंगों ने एक साथ कदमताल करते हुए देश की सैन्य ताकत का बेहतरीन प्रदर्शन किया।
यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री इस परेड में शामिल नहीं हो पाए। उनके स्थान पर रक्षामंत्री एके एंटनी ने इंडिया गेट पर वीर जवानों को सलामी दी। वहाँ से वे राजपथ स्थित सलामी मंच पहुँचे।
राजपथ पर राष्ट्रपति के पहुँचने पर उनका तथा इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि कजाकस्तान के राष्ट्रपति नूर सुल्तान नजर बायदेव की एंटनी ने अगवानी की।
समारोह में उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी, लोकसभा में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, केन्द्रीय मंत्री तथा बड़ी तादाद में राजनयिक तथा वरिष्ठ प्रशासनिक और सैन्य अधिकारी मौजूद थे।
राजपथ पर मुख्य समारोह का वातावरण उस समय बड़ा गमगीन हो उठा, जब राष्ट्रपति ने मुंबई आतंकवादी हमले के छह शहीदों, एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक एम काम्टे, विजय सालस्कर, एनएसजी के कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन, दिल्ली में बटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए मोहनचंद शर्मा सहित 11 शहीदों के परिजनों को राष्ट्रपति ने मरणोपरांत शांतिकाल में देश के सर्वोच्च शौर्य पुरस्कार 'अशोक चक्र' से सम्मानित किया। इसके बाद भारतीय सेना के सैन्य ताकत के प्रर्दशन के साथ गणतंत्र दिवस परेड की औपचारिक शुरुआत हुई।
सेना के परेड दस्ते में पैराशूट रेजीमेंट, राजपूत रेजीमेंट, कुमाऊं रेजीमेंट, गढ़वाल रायफल्स, मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजीमेंट, टेरीटोरियल आर्मी पंजाब, जे एंड के रायफल्स और लद्दाख स्काउट्स शामिल हुए। इसके अलावा नौसेना, वायुसेना और अर्धसैनिक बलों के दस्ते परेड में शामिल हुए।
इसके अलावा हाथियों पर सवार बहादुर बच्चों, रंगबिरंगी झाकियों और लोक कलाकारों ने नृत्य एवं संगीत के जरिए देशी-विदेशी मेहमानों, गणमान्य अतिथियों और आम जनता का मन मोह लिया।
परेड में देश की पारंपरिक कला एवं संस्कृति औद्योगिक विकास वैज्ञानिक प्रगति और बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों को दर्शाती विभिन्न राज्यों, केन्द्रशासित प्रदेशों और केन्द्रीय मंत्रालयों की झांकियाँ प्रस्तुत की गई।
परेड का समापन उपस्थित लोगों में रोमांच भर देने वाली ऐतिहासिक इंडिया गेट को चूमती फ्लाई पास्ट से हुआ। इस फ्लाई पास्ट में सुखोई 30 एमकेआई जगुआर और मिग 29 लड़ाकू विमानों के अलावा एमआई 17 चतुर्थ तथा एमआई 35 हेलीकॉप्टरों, ध्रुव उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया।
इस फ्लाई पास्ट में विशाल परिवहन विमान आईएल-76, एएन-32, ड्रोनियर्स और टैंकर विमान आईएल-78 भी शामिल हुए।