जमात उद दावा ने अपना नाम बदला

शुक्रवार, 2 जनवरी 2009 (09:48 IST)
मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित किए गए पाकिस्तान स्थित संगठन जमात उद दावा ने अपनी गतिविधियों को किसी भी प्रतिबंध से बचाने के लिए नया नामकरण कर लिया है।

सूत्रों ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि प्रतिबंधित लश्कर-ए-तोइबा के एक अग्रणी संगठन जमात उद दावा ने अपना नाम बदलकर तहरीक-ए-हुर्मत-ए-रसूल रख लिया है।

उन्होंने बताया कि अपना नामकरण फिर से करने के पीछे जमात का उद्देश्य प्रतिबंधों से बचना है, जिसके लिए पाकिस्तान पर दबाव डाला जा सकता है, क्योंकि सुरक्षा परिषद ने 11 दिसंबर को इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सूत्रों ने बताया कि जमात द्वारा अपना नाम बदले जाने के संकेत उस वक्त मिले जब इस संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने हाल ही में पाकिस्तान में तहरीक-ए-हुर्मत-ए-रसूल (टीएचआर) के बैनर तले एक रैली निकाली।

विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने आकाशवाणी पर कहा कि हमें इस बात की जानकारी मिली है कि उसने अपना नया नाम रख लिया है। उन्होंने बताया कि संगठन की वेबसाइट भी अब तक अपडेट होती रही है।

दरअसल जमात स्वयं भी लश्कर-ए-तोइबा का परिवर्तित रूप है। अमेरिका द्वारा सात साल पहले प्रतिबंध लगाने के बाद उसने अपना नाम बदला था।

वर्ष 1990 में अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में गठित किए गए लश्कर-ए-तोइबा का लोकतंत्र में तनिक भी विश्वास नहीं है और उसके संस्थापक सईद ने सार्वजनिक रूप से कई बार ऐलान किया था कि जेहाद ही एकमात्र रास्ता है, जिसके जरिये पाकिस्तान आत्मसम्मान और सम्पन्नता की ओर बढ़ सकता है।

भारत को एहसास हो रहा है कि पाकिस्तान जिहादियों का इस्तेमाल कूटनीति के एक हथियार के रूप में कर रहा है और इसी वजह से वह सुरक्षा परिषद द्वारा मुंबई हमलों को लेकर 11 दिसंबर को प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

मुंबई हमलों में शामिल पाए जाने के बाद सुरक्षा परिषद ने इसे गैरकानूनी घोषित कर दिया था। इसे भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों द्वारा भी गैरकानूनी घोषित कर दिया गया था।

भारत कहता रहा है कि जमात उद दावा तालीम और तथाकथित खैरात के नाम पर विभिन्न अवैध गतिविधियों में शामिल रहा है, मगर उसके बावजूद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कानूनों को ताक पर रखकर अपनी नजरें फेरे हुए है।

सूत्रों ने बताया कि लाहौर के पास मुरिदके में स्थित जमात या लश्कर के मुख्यालय में गतिविधियाँ अब भी जारी हैं।

मेनन ने बताया कि इस समय कथित रूप से नजरबंद जमात के मुखिया हाफिज मोहम्मद सईद के बारे में बताया जा रहा है कि वह अपनी हरकतों में लगा हुआ है। हालाँकि इस दौरान वह मीडिया की नजरों से बचने के लिए बेहद सावधानी बरत रहा है।

पाकिस्तान द्वारा सईद का खास ख्याल रखे जाने पर आपत्ति जताते हुए भारत ने सईद को तथाकथित रूप से नजरबंद करने के बजाय स्थायी रूप से कारागार में डालने की वकालत की है।

सूत्रों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने जमात की पत्रिकाओं तथा अन्य साहित्य के प्रकाशन पर पाबंदी नहीं लगाई है।

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