नानाजी देशमुख से बेहद प्रभावित रहे हैं अण्णा

शुक्रवार, 26 अगस्त 2011 (11:00 IST)
विनोद अग्निहोत्र
महात्मा गांधी की विशाल तस्वीर के नीचे दिल्ली के रामलीला मैदान में पिछले दस दिनों से भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन कर रहे अन्ना हजारे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बेहद सम्मानित प्रचारक और विचारक नानाजी देशमुख के चिंतन और काम से बेहद प्रभावित रहे हैं। नानाजी भी हजारे के खासे प्रशंसक थे और संघ तथा अन्य संस्थाओं की बैठकों में उन्होंने कई बार अन्ना हजारे की प्रशंसा की। नानाजी देशमुख की सलाह पर ही संघ की शाखाओं में हजारे का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता रहा है।

अन्ना आंदोलन के सूत्रधारों और हजारे के सलाहकारों में भले प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, संतोष हेगड़े, शांति भूषण, स्वामी अग्निवेश, राजगोपाल, राजेंद्र सिंह जैसे अलग-अलग वैचारिक रंग के लोग शामिल हैं, लेकिन अपने सामाजिक जीवन के शुरुआती दिनों में हजारे खुद नानाजी देशमुख के ग्रामोदय आंदोलन से बेहद प्रभावित थे।

बताया जाता है कि सेना की नौकरी छोड़ने के बाद अन्ना ने जयप्रकाश आंदोलन से प्रभावित होकर अपना सामाजिक जीवन शुरू किया। लेकिन जब नानाजी देशमुख ने राजनीति छोड़कर ग्रामोदय आंदोलन शुरू किया और अस्सी के दशक में वह उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के गांवों में अपने सामाजिक प्रयोग कर रहे थे, तब अन्ना हजारे अक्सर उनसे मिलते रहते थे और वह गोंडा भी गए थे।

इसी तरह नानाजी देशमुख ने चित्रकूट में ग्रामोदय का जो प्रयोग शुरू किया, हजारे वहां भी गए और रहे। नानाजी ने अपने कार्यकर्ताओं का एक दल हजारे के गांव रालेगण सिद्धी भी भेजा था।

सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक प्रभात कुमार पंत बताते हैं कि एक बार वह नाना जी देशमुख से उनके चिंतन और उसके प्रयोग पर बात करने के लिए गए तो नानाजी ने अन्ना हजारे की बेहद तारीफ की बल्कि यह भी कहा कि हजारे ने उनकी सोच को सही अर्थों में जमीन पर उतारा है।

बताया जाता है कि सामाजिक जीवन में आने के बाद ही अन्ना का सत्तर के दशक में नाना जी देशमुख से संपर्क हो गया था। वह अक्सर उनसे मिलते रहते थे और एक गांव को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की वैचारिक सोच उन्होंने नाना जी देशमुख से प्रेरणा लेकर ही विकसित की

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