बाबरी विध्वंस मामले में अंजू गुप्ता से जिरह

शनिवार, 15 मई 2010 (14:07 IST)
बाबरी मस्जिद विध्वंस कांड की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में शनिवार को बचाव पक्ष ने इस मामले में अहम गवाह मानी जा रही छह दिसंबर 1992 को भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की सुरक्षा में तैनात रहीं फैजाबाद की तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक अंजू गुप्ता से जिरह की।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता हरिदत्त शर्मा ने गुप्ता से आज पुन: बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की पूर्व संध्या पाँच दिसंबर 1992 को फैजाबाद के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक एके सरन की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में हुई चर्चाओं के दौरान उन्हें मिली जानकारियों और निर्देशों के बारे में सवाल पूछे।

शर्मा ने इसके साथ ही यह भी पूछा कि छह दिसंबर को वे रामकथा कुंज पर भाजपा और विहिप नेताओं के लिए बनाए गए मंच पर कितनी देर रहीं और वहाँ से कितनी देर के लिए अन्य जगहों पर गईं।

शर्मा ने यह भी पूछा कि क्या गुप्ता को यह जानकारी थी कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने परिवेक्षक की निगरानी में सांकेतिक कार सेवा की अनुमति दी थी, जिसके जवाब में गुप्ता ने कहा कि उन्हें सांकेतिक कार सेवा की कोई जानकारी नहीं थी बल्कि उन्हें सिर्फ इतनी जानकारी थी कि अदालत ने मंदिर निर्माण के लिए कार सेवा पर रोक लगा रखी है।

बचाव पक्ष ने आज सुबह सवा आठ बजे से शुरू हुई लगभग दो घंटे की कार्यवाही के दौरान जिरह में गुप्ता से लगभग डेढ़ दर्जन प्रमुख सवाल पूछे, जिसके बाद मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य दंडाधिकारी गुलाबसिंह ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ जून की तारीख तय की है। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अहम गवाह मानी जा रहीं गुप्ता ने सीबीआई के नवें गवाह के रूप में 26 मार्च को अदालत में अपने बयान दर्ज करवाए थे, जिस पर बचाव पक्ष की तरफ से 23 अप्रैल, 29 अप्रैल और आज 15 मई को कुल मिलाकर लगभग सात-आठ घंटे की जिरह हो चुकी है, जो अगली तारीख आठ जून को भी जारी रहेगी।

उल्लेखनीय है कि 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में विवादित ढाँचा ढहाए जाने के मामले में दो मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें से एक मुकदमे कि सुनवाई रायबरेली में सीबीआई की विशेष अदालत में हो रही है। इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, विहिप अध्यक्ष अशोक सिंघल, विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतम्बरा, आचार्य गिरिराज किशोर सहित आठ लोग अभियुक्त हैं। (वार्ता)

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