विश्व मजदूर संगठन (आईएलओ) का कहना है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक गिरावट का असर भारत तथा अन्य दक्षिण एशियाई देशों पर कम होगा क्योंकि उनका अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा वित्तीय बाजार से ज्यादा लेना-देना नहीं है।
आईएलओ के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड लेबर मार्केट एनालिसिस के निदेशक डंकन केंपबैल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि विकास दर को भविष्य में भी बनाए रखने के लिए भारत को शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आर्थिक मंदी का प्रतिकूल असर भारत तथा दक्षिण एशियाई देशों पर अपेक्षाकृत कम रहेगा क्योंकि वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा वित्तीय बाजारों से कम सम्बद्ध हैं। उन्होंने कहा कि अब अगर उचित शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो प्रगति रुक सकती है। वास्तव में भारत में केवल शिक्षा ही समान वितरण तथा सबके लिए समान आर्थिक विकास सुनिश्चित करेगी।