लुप्तप्राय: पक्षियों की सूची में 15 भारतीय भी

शनिवार, 19 अप्रैल 2014 (22:00 IST)
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कोलकाता। दुनियाभर के लुप्तप्राय: पक्षियों की सूची में 15 भारतीय पक्षी भी शामिल हैं। जुलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन (जेडएसएल) तथा येल यूनिवर्सिटी ने दुनियाभर में पूरी तरह अलग-अलग और वैश्विक लुप्तप्राय: (इवॉल्यूशनरी डिस्टिंक्ट एंड ग्लोबली एन्डेंजर्ड-ईडीजीई) 100 प्रजातियों का अध्ययन किया है।

अध्ययन में कहा गया है कि बेंगाल फ्लोरिकन, लेजर फ्लोरिकन, ग्रेट इंडियन बस्टर्ड, सोशिएबल लैपिविंग और जेर्डन्स कौर्सर वे पक्षी हैं, जो घास वाले मैदानों तथा जंगलों के के घटने से अपनी रिहायश में कमी के चलते संकट में हैं।

चम्मच जैसी चोंच वाले सैंडपाइपर, साइबेरियाई सारस और सफेद चोंच वाले हेरोन का अस्तित्व उनकी दलदली रिहाइश पर निर्भर करता है।

अध्ययन में कहा गया है कि मध्य भारत में पर्णपाती वनों के खत्म होने पर जंगली उल्लू का अस्तित्व ही नहीं बचेगा।

इन लुप्तप्राय: 15 प्रजातियों में से 12 के संरक्षण के लिए प्रयासरत 'बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी’ (बीएनएचएस) के अधिकारियों ने बताया कि इन प्रजातियों के लिए खतरा मानवजनित कारणों से है। इन कारणों में अनियंत्रित शहरीकरण, औद्योगीकरण और कृषि में रसायनों का अंधाधुंध इस्तेमाल आदि शामिल हैं। (भाषा)

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